अफगानिस्तान (Afghanistan) पर जब तालिबान (Taliban) कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रहा था तो उम्मीद जताई जा रही थी कि शायद अमेरिका (America) उसे बचा लेगा। पर ऐसा नहीं हुआ अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है। तालिबान लोकतंत्र को जलाकर अपने नए नियम कानून को बनाने में जुटा है। देश की नई सत्ता महिलाओं के लिए हर दिन नए नए कानून लागू करती रहती है। तालिबान ने एक बार फिर महिलाओं के लिए नया कानून जारी करते हुए आदेश दिया है कि टीवी की दुनिया में यानी की टीवी सीरियल्स में महिलाएं अब नहीं दिखेंगी।
कल्पना करना भी मुश्किल है कि मनोरंजन की इस दुनिया में सिर्फ मर्दों का जमावड़ा होगा। टीवी पर महिलाएं नहीं दिखेंगी। ख्याल आ रहा है कि वह कौन सी स्क्रिप्ट होगी जिसमें सिर्फ मर्दों को कास्ट किया जाएगा। या मर्दों के लिए लिखी जाएगी।
क्या है कानून?
अंग्रेजी अखबार बीबीसी से मिली खबर के अनुसार टीवी और न्यूज एंकरों के लिए 8 पॉइंट्स की धार्मिक गाइडलाइंस जारी की है। इसके मुताबिक अफगानिस्तान में उन सभी टीवी शोज पर पाबंदी लगा दी है, जिनमें किसी भी प्रकार से महिला किरदारों को दिखाया जाता है।
तालिबान के इस्लामिक गाइडलाइंस के अनुसार टीवी पर महिला न्यूज एंकरों और और संवाददाताओं के लिए हिजाब पनना जरूरी होगा। उन सभी विदेशी फिल्मों पर बैन लगा दिया गया है जिनमें इस्लाम का मजाक उड़ाया गया है। शरिया कानून और प्रोफेट मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी वाले सभी तरह के मनोरंज करने वाले टीवी शो और फिल्मों को बैन कर दिया गया है।
महिलाएं अब टीवी के लिए काम नहीं कर सकती हैं। टीवी पर पुरुष शर्ट नहीं उतार सकते हैं। तालिबान छोटी बच्चियों के स्कूल जाने पर पाबंदी लगा चुका है।
2001 जैसे हालात
अफगानिस्तान जहां की औरतें दुनिया भर में फैशन आइकॉन के नाम से जानी जाती थी। वो अफगानिस्तान जो 1980 के पहले खूबसूरत हुआ करता था, आजादी थी, हवा में इंसानियत थी लेकिन वहां की तस्वीर अब पूरी तरह बदल चुकी है। हर तरफ तालिबान का कब्जा और खौफ है।
साल 2001 तक पूरे अफगानिस्तान में जंगल राज बन गया था। महिलाओं को सड़कों पर पीटा जाता था लेकिन अमेरिका ने इसे रोकने लिए 2001 में अपनी सेना को वहां भेजा। धीरे- धीरे सब कुछ सुधर रहा था। महिलाओं की जिंदगी पटरी पर लौट रही थी। वहां की जनता के जीवन में रौशनी आरही थी पर विश्व की राजधानी अमेरिकी ने अप्रैल माह में जैसे ही अपनी सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया उसके फौरन बाद ही अफगानिस्तान का आतंकी संगठन तालिबान ने वहां के 50 से अधिक जिलों पर कब्जा कर लिया। कब्जे के साथ ही इस्लामिक कानून को लागू कर दिया। सूखे फल और शीरमाल से दुनिया भर में मिठास भरने वाला अफगानिस्तान फिर 20 साल पीछे चला गया है।
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