Rakesh Tikait ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति के सदस्य अनिल घनवट पर निशाना साधा है। राकेश टिकैत ने कहा कि अनिल घनवट सरकारी की चाकरी करते-करते ही विशेषज्ञ बन गए हैं। दरअसल, भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट किया, ‘तीन कृषि कानूनों को सफेद बताने वाले अनिल घनवट अब एमएसपी पर कानून की खिलाफत कर रहे हैं। ये सुप्रीम कोर्ट में गठित कमेटी में बतौर कृषि विशेषज्ञ के रूप में सदस्य नामित थे। अब साबित हो गया कि ये सरकार ने ही अपना एजेंट बनाकर पेश किया था। ये किसानों का जयचंद है।’
MSP पर कानून बनता है तो भारत संकट का सामना करेगा-घनवट
भारतीय किसान यूनियन के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘सरकारी चाकरी करने वाले विशेषज्ञ बन ही जाते हैं।’ इससे पहले अनिल घनवट ने कहा था कि अगर एमएसपी पर कानून बनता है तो भारत संकट का सामना करेगा। सरकार और किसान नेताओं को किसी और तरीके से सोचना चाहिए। एमएसपी कोई समाधान नहीं है। यह न केवल किसानों, बल्कि व्यापारियों और स्टॉकिस्टों को भी नुकसान पहुंचाएगा।
कृषि कानून का वापिस लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण- घनवट
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया। किसान पिछले 40 साल से सुधार की मांग कर रहे थे। यह अच्छा कदम नहीं है। कृषि की मौजूदा व्यवस्था काफी नहीं। मुझे लगता है कि इस सरकार में कृषि सुधार की इच्छाशक्ति थी क्योंकि पहले की सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी।
MSP कानून बन जाएगा तो कमाई नहीं हो सकेगी- घनवट
घनवट ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि सभी राज्यों के विपक्षी नेताओं और कृषि नेताओं को मिलाकर एक और समिति का गठन किया जाएगा। हम एमएसपी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन खुली खरीद एक समस्या है। हमें बफर स्टॉक के लिए 41 लाख टन अनाज की जरूरत है लेकिन 110 लाख टन की खरीद की। एमएसपी कानून बने तो सभी किसान अपनी फसलों पर एमएसपी की मांग करेंगे और इससे कोई कुछ भी कमाने की स्थिति में नहीं होगा।’
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