आज से (रविवार) पीएम मोदी का फिलीपींस दौरा शुरू हो रहा है। अपने इस तीन दिवसीय दौरे में वो फिलीपींस और भारत के रिश्ते को और मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि 36 वर्षों बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री फिलीपींस दौरे पर है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी फिलीपींस गईं। पीएम मोदी  भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने फिलीपींस गए हुए हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डूटार्टे से होगी। साथ ही अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस सम्मेलन में पीएम की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी हो जाए।

प्रधानमंत्री मोदी अपने फिलीपींस यात्रा में आसियान शिखर सम्मेलन समेत विभिन्न द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। फिलीपिंन जाने से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि  भारतआसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के उद्देश्य से फिलीपीन की उनकी यात्रा एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत आसियान सदस्य देशों एवं भारतप्रशांत क्षेत्र के साथ संबंध प्रगाढ़ करने के लिये देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। बता दें कि यह फिलीपींस की उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा है। पीएम मोदी फिलीपीन्स में भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे।

पीएम मोदी ने फिलीपींस यात्रा से पहले कहा कि वह अपनी मनीला यात्रा को लेकर आश्वस्त हैं कि इस यात्रा से फिलीपींस के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक व सामाजिक- सांस्कृतिक क्षेत्र में भारत के संबंध मजबूत होंगे।  इस यात्रा के दौरान मोदी आसियान-भारत व पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे। वे इस दौरान आसियान, क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के नेताओं की बैठक तथा आसियान कारोबार व निवेश शिखर सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ के विशेष कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे।  इसके अलावा प्रधानमंत्री इंटरनेशनल राइस इंस्टिट्यूट (आईआरआरआई) का भी दौरा करेंगे जहां कई भारतीय काम करते हैं। यहां पर यह बता देना जरूरी होगा कि सरकार की तरफ से जुलाई 2017 में आईआरआरआई को अपना साउथ एशियन रिजनल सेंटर वाराणसी में लगाने को मंजूरी दी जा चुकी है। फिलीपींस में उसके मुख्यालय से बाहर यह आईआरआरआई का पहला रिसर्च सेंटर होगा।