Pakistan: पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में इस समय सबकुछ ठीक नहीं है। मुल्क जहां एक और आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है तो वहीं सियासी दुनिया में भी भूचाल आया हुआ है। पाकिस्तान (Pakistan ) में विपक्ष ने इमरान खान सरकार की विदाई की पूरी तैयारी कर ली है। इमरान खान के पास नेशनल असेंबली में बहुमत नहीं है वहीं विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तुला हुआ है। विपक्ष पीएम इमरान खान का इस्तीफा चाहता है लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान के नाम अपने संबोधन में इमरान खान ने कहा कि वे हार नहीं मानेंगे और आखिर गेंद तक मुकाबला करेंगे।
हम यहां आपको बताएंगे कि Pakistan में इस राजनीतिक अस्थिरता की वजह क्या है?
1. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
Pakistan में विपक्ष देश की आर्थिक स्थिति को लेकर इमरान खान सरकार पर हमलावर है। उनका कहना है कि 2018 से लेकर अब तक इमरान खान सरकार के राज में देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। इस वक्त एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 185 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है। विपक्ष का कहना है कि इमरान खान सरकार की नीतियों के चलते पाकिस्तान में महंगाई आसमान को छू रही है। पाकिस्तान की जनता भी इस महंगाई की मार से त्रस्त है।
2. विपक्षी एकता
Pakistan की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के नेतृत्व में तमाम विपक्षी दल एकजुट हो चुके हैं। यहां तक कि एक वक्त में पार्टी की चिरप्रतिद्वंद्वी रहने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी साथ आ गयी है। इसके अलावा इमरान सरकार के सहयोगी दलों का साथ भी विपक्ष को मिल गया है। इमरान खान की मुश्किलों का आलम ये है कि उनकी खुद की पार्टी के सांसद भी विपक्ष के साथ जा मिले हैं। जिससे उनकी सरकार नेशनल असेंबली में अल्पमत में आ चुकी है।
3. इमरान खान को जान से मारने की धमकी
इमरान खान सरकार के मंत्री और तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता इस तरह की दलीलें देने लगे हैं कि इमरान खान को जान का खतरा है। आप इसे एक पॉलिटिकल स्टंट के तौर पर समझ सकते हैं। जिससे इमरान खान को पाकिस्तान के लोगों की हमदर्दी मिल सके।
4. इमरान खान अमेरिका को नापसंद
गुरुवार को देश के नाम अपने संबोधन में इमरान खान ने बार-बार आजाद विदेश नीति की बात कही और कहा कि विपक्षी नेता अमेरिका के इशारों पर काम कर रहे हैं। इमरान खान ने दलील दी कि वे एक आजाद विदेश नीति चाहते हैं। उनके रूस जाने से अमेरिका को नाराज होने की जरूरत नहीं है। इमरान खान ने आरोप लगाया कि अमेरिका उनको हटाकर उनकी जगह किसी कठपुतली को प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। इस बाबत इमरान खान बार-बार एक कागज दिखाते नजर आते हैं। जिसमें उस कथित साजिश की जानकारी है, जो कि उनकी सरकार के खिलाफ रची गयी है। हालांकि विपक्ष इस कागज को नकली बता रहा है।
5. पाकिस्तानी सेना को भी इमरान पर भरोसा नहीं
ऐसा कहा जाता है कि 2018 में जब इमरान खान सरकार सत्ता में आए तो उनको पाकिस्तानी सेना का समर्थन था। लेकिन चार साल पूरे होते-होते उनकी सरकार की सेना से अनबन शुरू हो गयी। सूत्रों का कहना है कि कुछ नियुक्तियों के चलते पाकिस्तानी सेना प्रमुख इमरान खान से नाराज हैं। लेकिन मामले पर पाकिस्तानी सेना ने खुलकर कुछ नहीं कहा है। कहा जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना इस समय तटस्थ है।
संबंधित खबरें…