दुनिया भर में आतंक का पर्याय और दहशत का दूसरा नाम आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) अब बच्चों के भरोसे अपने साम्राज्य को आगे बढ़ाने की तैयारी में लगा है। ब्रिटेन की एक संस्था द्वारा जारी की गई रिपोर्ट तो यही इशारा कर रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संगठन की नजर अब शरणार्थी देशों के नागरिकों खास कर बच्चों पर है। आतंकी संगठन लेबनान और जॉर्डन जैसे देशों के बच्चों को अपना शिकार बनाने के लिए तस्करों को पैसे की भुगतान कर रहा है।
यह रिपोर्ट आतंकवाद रोधी विचार संस्था ‘किलियम’ द्वारा जारी की गई है। रिपोर्ट में किये जा रहे दावे के अनुसार यूरोपीय संघ की पुलिस एजेंसी ‘यूरोपोल’ ने बेसहारा हो चुके बच्चों की अनुमानित संख्या 88,300 बताई है। यूरोपोल की रिपोर्ट में सभी बच्चों के लापता होने का जिक्र भी है। इस जानकारी के बाद यह आशंका है की बच्चों को कट्टरता और आतंकवाद की राह पर धकेल दिया गया है। यह रिपोर्ट आज(6 फ़रवरी)जारी होगी।
‘किलियम’ की वरिष्ठ सदस्य निकिता मलिक ने जानकारी देते हुए कहा, ‘अतिवादी समूह युवा शरणार्थियों को निशाना बना रहे हैं क्योंकि उन्हें आसानी से शिकार बनाया जा सकता है। साथ ही लड़कियों के मामले में लड़ाकों की नयी पीढ़ी तैयार की जा सकती है।’
रिपोर्ट में कई और चौंकाने वाले खुलासे भी किये गए हैं। इस रिपोर्ट को लेकर आ रही ख़बरों के मुताबिक आईएसआईएस ने लेबनान और जॉर्डन में कैंपों के भीतर भर्ती के लिए तस्करों को 2,000 डॉलर तक की रक़म देने की पेशकश की है। यह रिपोर्ट बाल तस्करी, अतिवाद और आधुनिक दासता के जोखिमों को घटाने के लिए राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय जरूरतों को रेखांकित करती है। गौरतलब है कि इससे पहले भी इस तरह की ख़बरें आती रही हैं। इस रिपोर्ट से पहले जॉर्डन के विशेष बल ने भी उत्तरी जॉर्डन के इरबिद से एक शरणार्थी शिविर में सक्रिय आईएसआईएस के स्लीपर सेल को बेनक़ाब करने के बाद भी ऐसी आशंकाएं जाहिर की थी।