Morocco Earthquake: मोरक्को स्थित मराकेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बीते शुक्रवार की देर रात 6.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से लोगों में दहशत है। इसमें लगभग 132 लोगों की मौत हो गई।ताजा अपडेट के अनुसार मौतों का आकंड़ा बढ़कर 296 पहुंच चुका है। इस बात की पुष्टि खुद मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने की है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि भूकंप के झटके रात के करीब 11:11 बजे महसूस किए गए। भूकंप के झटके का एपीसेंटर मारकेश से 71 किलोमीटर दूर 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो के मुताबिक भूकंप की झटके की वजह से मलबा संकरी गलियों में बिखरा था। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी, कि अलमारियों से सामान गिर गया।भूकंप से हुए आर्थिक नुकसान को दर्शाने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिसमें अनुमान लगाया गया है कि ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
Morocco Earthquake: पहले भी यहां आ चुके हैं भूकंप
Morocco Earthquake: यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश किए। भूकंप के झटकों की वजह से हुई मौतों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यह दर्शाता है कि कुछ हताहत होने की संभावना है।इस क्षेत्र की आबादी वैसे इलाकों में रहती है, जो भूकंप के झटकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।
Morocco Earthquake: क्यों आते हैं यहां भूकंप?
Morocco Earthquake:अफ़्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में 2004 के दौरान आए तेज भूकंप के झटकों की वजह से कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए थे।
मोरक्को के पड़ोसी देश अल्जीरिया में 1980 के दौरान आए 7.3 तीव्रता की तेज भूकंप की वजह से 2,500 लोग मारे गए थे।कम से कम 3 लाख लोग बेघर हो गए थे। जिसे हाल के इतिहास में सबसे बड़े और सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है।
Morocco Earthquake: यहां जानिए कैसे आता है भूकंप?
Morocco Earthquake: भूकंप के दौरान पृथ्वी के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों के आपस में टकराने की वजह से कंपन या झटके हसूस किए जाते हैं। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स मौजूद होती हैं, जो हमेशा घूमती रहती हैं।जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं तो एक फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिससे प्लेटों के सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनता है। फलस्वरुप प्लेट्स टूटने लगती हैं, इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिससे धरती हिलती है और इसे हम भूकंप कहते हैं।
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