Kazakhstan में तेल की बढ़ती कीमतों पर भारी विरोध, Russia की बुलानी पड़ी सेना

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Kazakhstan Protest
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कजाखस्‍तान (Kazakhstan) पिछले तीन दिनों से जल रहा है। देश में कई सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है। कई लोग घायल हैं और हिंसा बढ़ती जा रही है। मध्य ऐशिया (Central Asia) का यह देश अपनी सरकार से नाराज है। तेल से समृद्ध देश में फ्यूल की कीमत बढ़ने पर जनता सड़क पर उतार और राष्ट्रपति भवन को आग के हवाले कर दिया। देश में हालात इतने खराब हैं कि राष्‍ट्रपति कासिम जोमार्ट (President Kassym‑Jomart Tokayev) को रूस (Russia) की सरकार से मदद मांगनी पड़ी। कजाखस्‍तान (Kazakhstan) में हिंसा बढ़ते देख राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपती व्लादिमीर पुतिन ( President Vladimir Putin) से अपनी सेना भेजने के लिए कहा जिसके बाद देश में हालात कुछ काबू में है।

Kazakhstan में हालात खराब

Kazakhstan Condition
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तनावपूर्ण हालात को देखते हुए राष्ट्रपति ने देश में दो सप्ताह के लिए आपातकाल घोषित कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रदर्शनकारी आतंकी बन चुके हैं उनके लिए इमरजेंसी की उपाय है। तेल की बढ़ती कीमतों पर लोगों में इसकदर गुस्सा है कि उन्होंने सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया।

Kazakhstan
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प्रदर्शनकारियों ने कजाखस्‍तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में राष्ट्रपति और मेयर के घर में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। हिंसा फैलाने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों को गोलियां भी चलानी पड़ी है।

बता दें कि इस समय कजाखस्‍तान में भयंकर ठंड पड़ रही है। इतनी ठंड की खून जम जाए लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर हिंसा फैला रहे हैं। इन्हें काबू में करने के लिए पुलिस ने पान की बौछार भी की पर कोई असर नहीं हुआ।

Kazakhstan में इस साल का सबसे बड़ा प्रदर्शन

Kazakhstan
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तेल की कीमतों में उछाल को लेकर चल रहे प्रदर्शन के बीच कजाखस्‍तान के प्रधानमंत्री आस्कार मामिन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति ने उनका त्यागपत्र स्वीकार भी कर लिया है। मामिन ने इस्तीफे के बाद वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि सरकार और सेना पर हमले के लिए आह्वान करना पूरी तरह से अवैध है। सरकार नहीं गिरेगी लेकिन हम चाहते हैं कि आपसी विश्‍वास हो और संवाद न कि विवाद।

कजाखस्‍तान की 1991 की स्वतंत्रता के बाद यह इस साल का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है। तेल की कीमतों का दाम दोगना करने पर सबसे पहले प्रदर्शन पश्चिमी शहर के झानाओजेन में हुआ उसके बाद पूरे देश में फैल गया।

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