क्या है Memogate Scandal जिसका जिक्र SC में Imran Khan ने किया?

विशेषज्ञों ने कहा कि अगर अदालत डिप्टी स्पीकर के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो संसद फिर से बुलाएगी और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

0
293
Imran Khan
Imran Khan

Memogate Scandal: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और संसद को भंग करने के मामले में गुरुवार को सुनवाई फिर से शुरू की। अदालत इस हाई-प्रोफाइल मामले में “उचित आदेश” देने का वादा किया है। वहीं इमरान खान ने अब सियासी संकट (Pakistan political crisis) के बीच सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में मेमोगेट कांड की तरह ज्यूडिशियल जांच करने की मांग की है। खान लगातार इस सियासी संकट का आरोप अमेरिका पर लगा रहे हैं।

Imran Khan
Imran Khan

क्या है Memogate Scandal?

  • पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी के 2011 में भेजे गए मेमो में कथित तौर पर ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए एबटाबाद में अमेरिकी छापे के बाद पाकिस्तान में संभावित सैन्य तख्तापलट का उल्लेख किया गया था।
  • इस मेमो में तत्कालीन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सरकार के लिए अमेरिका से सहायता मांगी।
  • मामले की जांच करने वाले एक न्यायिक आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि मेमो प्रामाणिक था और पूर्व दूत द्वारा लिखा गया था।
  • आयोग ने कहा कि ज्ञापन का उद्देश्य अमेरिकी अधिकारियों को यह विश्वास दिलाना था कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार ‘अमेरिका समर्थक’ है।
  • तत्कालीन विपक्षी नेता नवाज शरीफ और कई अन्य लोगों ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गए। इस घटना के बाद हक्कानी को इस्तीफा देना पड़ा।
download 4 2
Memogate Scandal
  • बाद में हक्कानी ने जियो न्यूज को बताया था कि मेमोगेट सिर्फ मीडिया का शोर था, यही वजह है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कभी फैसला नहीं किया है। यह बिना किसी निष्कर्ष के जीवन को बाधित करता है, यह इस बात का दुखद प्रतिबिंब है कि पाकिस्तान में चीजें कैसे काम करती हैं।
  • हाल ही के मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि हक्कानी के खिलाफ कोहाट, खैबर पख्तूनख्वा के दो पुलिस स्टेशनों में अभद्र भाषा का इस्तेमाल और सशस्त्र बलों और पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ लिखने के लिए तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
  • पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने ज्ञापन की व्यापक जांच शुरू की। 19 अप्रैल 2012 को अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी को पाकिस्तान लौटने से इनकार करने के बाद इंटरपोल के माध्यम से गिरफ्तार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की गई थी। 12 जून को सर्वोच्च न्यायालय आयोग ने अपने निष्कर्ष जारी किए।

Pakistan Political Crisis: 90 दिनों के भीतर हो सकता है चुनाव

गौरतलब है कि अगर इमरान खान को अनुकूल फैसला मिलता है, तो 90 दिनों के भीतर चुनाव होंगे। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर अदालत डिप्टी स्पीकर के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो संसद फिर से बुलाएगी और खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

संबंधित खबरें…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here