Imran Khan Long March: पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ (Arshad Sharif) की हत्या पर पाकिस्तान में सियायत गरमा गई है। रविवार 23 अक्टूबर को पाकिस्तानी पत्रकार अरशद की केन्या में पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी नैरोबी में पुलिस कुछ अपराधियों पर कार्रवाई कर रही थी। इसी दौरान पुलिस ने गलती से अरशद शरीफ की गाड़ी पर गोलीबारी कर दी जिससे उनकी मौत हो गई। लेकिन इस हत्या कि बाद कई तरह के सवाल उठाए जानें लगे हैं। दरअसल माना जाता रहा है कि अरशद शरीफ का पाकिस्तान के पू्र्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अच्चे संबंध थे। अरशद शरीफ की इमेज इमरान समर्थक पत्रकार की रही है।
अरशद की हत्या पर इमरान खान पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फैसल वादवा ने पाकिस्तान सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह हत्या ‘पूर्व-नियोजित’ थी और इसकी ‘साजिश पाकिस्तान में’ रची गई थी। वादवा ने यह भी कहा कि अपराध के सबूत मिटा दिए गए हैं।

Imran Khan Long March: ‘हकीकी आजादी लॉन्ग मार्च’ चला रहे हैं इमरान
वहीं अब पू्र्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अरशद की हत्या के बाद पाकिस्तान में मार्च की घोषणा कर दी है। इमरान खान और पार्टी कार्यकर्ताओं ने लाहौर के लिबर्टी चौक से इस्लामाबाद तक ‘हकीकी आजादी लॉन्ग मार्च’ शुरू किया है। जनता को संबोधित करते हुए इमरान खान ने तो आईएसआई को खुले तौर पर चेतावनी दे दी है। इमरान ने कहा कि मैं आईएसआई की पोल खोल दूंगा। मैं कोई कानून को नहीं तोड़ रहा हूं। इतना ही नहीं इमरान ने तो सेना प्रमुख बाजवा को मीर जाफर और गद्दार बताकर संबोधित किया। इमरान का कहना था कि मैं नवाज शरीफ की तरह भागा नहीं हूं। देश में ही हूं और कानून का सामना भी करूंगा। इतना ही नहीं इमरान खान ने फौरन चुनाव करवाने की भी मांग करने लगे हैं।
आईएसआई लेफ्टिनेंट ने इमरान के बयान पर किया पलवार
वहीं अब इमरान के आरोपों का जवाब देनें के लिए आईएसआई लेफ्टिनेंट नदीम अंजुम भी मीडिया के सामने आ गए हैं। उन्होंने इमरान की बातों को न केवल झूठा बताया बल्कि मक्कार भी कह डाला। हालांकि आईएसआई लेफ्टिनेंट के सामने आने पर हर कोई हैरान रह गया है। क्योंकि आज से पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ कि आईएसआई चीफ का चेहरा यूं सार्वजनिक हो जाए। बता दें कि पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम और ISI के DG लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर यह बातें कहीं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कहा जा रहा है कि, पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार है जब देश की जासूसी एजेंसी के प्रमुख ने सीधे मीडिया को संबोधित किया है।

अरशद शरीफ पाकिस्तान छोड़कर क्यों केन्या में रह रहे थे
दरअसल अरशद शरीफ पाकिस्तान की सेना के बड़े आलोचक थे। उन्हें पहले से ही अपनी गिरफ्तारी का डर था इसलिए वह पाकिस्तान छोड़कर केन्या में रह रहे थे। हालांकि उन्हें तत्काल प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ का भी आलोचक माना गया था। हालांकि शाहबाज शरीफ ने अरशद की हत्या पर केन्या की सरकार से बात कर घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
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