अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा को लेकर हक्कानी और तालिबान गुट के बीच फायरिंग (Firing) हुई थी। जिसमें अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) घायल हो गया है। बरादर का नाम तालिबान (Taliban) की सरकार में प्रधानमंत्री के तौर पर सामने आ रहा था। बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अभी तक तालिबान सरकार नहीं बना पाया है। हक्कानी गुट और तालिबान के बीच पहले से ही विवाद की खबरें सामने आ रही थी। जहां तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अल्पसंख्यक समुदायों को सरकार में शामिल करना चाहता है, तो वहीं तालिबान का उप नेता सिराजुद्दीन और उसका आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क किसी के साथ सत्ता साझा नहीं करना चाहता है।
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अब पंजशीर आब्जरवर ने ट्वीट कर बताया है कि इन दोनों गुटों के बीच हुई फायरिंग में अब्दुल गनी बरादर घायल हो गया है। आपको बता दें कि बरादर का नाम तालिबान की भावी सरकार में प्रधानमंत्री के तौर पर लिया जा रहा था। पंजशीर आब्जरवर की तरफ से किए गए ट्वीट में ये भी कहा गया है कि घायल बरादर का इलाज पाकिस्तान में किया जा रहा है।
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एक तरफ तालिबान बोल रहा है कि उसने काबुल को जीता है, तो वहीं दूसरी तरफ हक्कानी गुट का कहना है कि उसने काबुल को जीता है। वहीं, पाकिस्तान तालिबान के मुकाबले हक्कानी गुट के ज्यादा करीब है और उसके हक में सरकार इसलिए भी बनवाना चाहता है, ताकि बाद में उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सके।
पंजशीर आब्जरवर की मानें तो इन दोनों गुटों के बीच फायरिंग शनिवार रात को हुई है। दोनों के बीच सत्ता को लेकर लगातार खींचतान के बाद अब ये काफी उग्र रूप ले चुका है। ट्वीट में ये भी कहा गया है कि हक्कानी गुट के नेता अनस हक्कानी जो इसके संस्थापक जलीलुद्दीन हक्कानी का बेटा है, पंजशीर में नार्दर्न एलाइंस के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई के खिलाफ है। वो इस बात पर तैयार नहीं था कि पंजशीर का हल इस तरह से निकाला जाए। इसको लेकर जब विवाद बढ़ा दोनों के बीच हाथापाई हुई और बाद में ये फायरिंग तक जा पहुंची।