मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के संस्थापक हाफिज सईद ने पाकिस्तान के विदेशमंत्री ख्वाजा आसिफ के खिलाफ 10 करोड़ रुपए के मानहानि का दावा ठोका है। दरअसल आसिफ ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान हाफिज को ‘पाकिस्तान के लिए बोझ’ और ‘अमेरिका का डार्लिंग’ बताया कहा था। यह बात आतंकी सरगना को रास नहीं आई है और उसने अपने वकील के माध्यम से आसिफ को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आसिफ को हाफिज से 14 दिनों के भीतर माफी मांगने या 10 करोड़ रुपए हर्जाना भरने की मांग की गई है।
हाफिज के वकील ए के डोगर द्वारा भेजे इस नोटिस में कहा गया है कि सईद पाकिस्तान के एक सम्मानित नागरिक और एक सच्चे धार्मिक मुसलमान हैं। वह कभी व्हाइट हाउस के नजदीक तक नहीं गए, खाने और पीने की तो बात ही दूर है। यह जानकर हैरानी हुई कि मेरे देश के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ हाफिज सईद पर शराब पीने का आरोप लगा रहे हैं। इस तरह के बयान का इस्तेमाल मेरे मुवक्किल के खिलाफ नहीं किया जा सकता।
वकील ने बताया कि विदेश मंत्री का बयान मानहानि वाला है और इससे उनके मुवक्किल के इज्जत को पाकिस्तान सहित दुनियाभर में नुकसान हुआ है। ऐेसे में उन्हें पाकिस्तान के पिनल कोड के सेक्शन 500 के तहत 5 साल का जेल और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। नोटिस में हाफिज के इज्जत पर ठेस पहुंचाने के हर्जाने के रूप में 10 करोड़ रुपये की मांग, नहीं तो मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहने की बात की गई है। ऐसे में मुकदमें का खर्च भी विदेश मंत्री को ही उठाना होगा।
आपको बता दें कि आसिफ ने न्यूयॉर्क में एशिया सोसाएटी सेमिनार के दौरान कहा था कि कुछ साल पहले अमेरिका हाफिज जैसे लोगों को ‘डार्लिंग’ मानता था। आसिफ ने कहा था कि यह कहना बहुत आसान है कि पाकिस्तान हक्कानी, हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन कर रहा है, लेकिन असलियत में वे हमारे देश के लिए बोझ हैं और हमें इस बोझ को दूर करने के लिए थोड़ा समय चाहिए।
ख्वाजा आसिफ ने अमेरिका पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि पाक को हक्कानी और हाफिद सईद के लिए दोषी ना ठहराया जाए, क्योंकि 20 से 30 साल पहले ये लोग अमेरिका के ही खास थे। उनकी व्हाइट हाऊस में विशेष खातिरदारी की जाती थी और अब यही लोग पाकिस्तान पर पनाह देने का आरोप लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को समर्थन देने की आलोचना की थी। ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान करोड़ों रुपये की मदद ले रहा है लेकिन उसने आतंकियों को मदद करना जारी रखा है।