World Bank ने अपने हालिया रिपोर्ट में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अगले तीन दशकों के भीतर लाखों अफ्रीकियों को अपना घर छोड़ना पड़ेगा, भले ही इस क्षेत्र पर प्रभाव कम करने के लिए योजनाएं शुरू की गई हों।
इस क्षेत्र में भयंकर सुखा पड़ेगा और प्रभावित लोगों में किसान शामिल होंगे। स्वच्छ पीने के पानी की कमी से लोग बेहाल होंगे। बैंक ने ग्लासगो में यूएन सीओपी 26वें जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू होने से चार दिन पहले अपनी रिपोर्ट में ये बात कही।
इन देशों में पड़ेगा भयंकर सुखा
पूर्वी अफ्रीका (East Africa) के पांच देशों – Kenya, Rwanda, Tanzania, Uganda और Burundi में हाल के वर्षों में भीषण मौसम परिवर्तन अनुभव किया गया। कृषि पर अधिक निर्भर क्षेत्र में सूखे के अलावा, 2020 में भयंकर बाढ़ आई, जबकि 2019 में ऐतिहासिक टिड्डियों का प्रकोप आया।
विश्व बैंक के उपाध्यक्ष हाफ़िज़ घनम (World Bank Vice President Hafiz Ghanam) ने कहा, 2050 तक जलवायु परिवर्तन के कारण 38.5 मिलियन लोग विस्थापित हो सकते हैं। बैंक ने रिपोर्ट में कहा कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन और अनुकूलन योजनाओं के लिए ठोस उपाय करने पर कुछ हद तक इन समस्याओं से बचा जा सकता है, लेकिन केवल 30 प्रतिशत तक।
बैंक ने कहा कि अगले पांच वर्षों में जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने वाले उपायों पर काम किया जाएगा।केन्या के लिए विश्व बैंक के देश निदेशक कीथ हेन्सन ने कहा कि केन्या ने जलवायु जोखिम के प्रबंधन के लिए नीतिगत ढांचे की स्थापना में इस क्षेत्र में नेतृत्व किया है।
COP26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा, विकसित देशों ने 2009 में वादा किया था कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से निपटने में मदद करने के लिए गरीब देशों को 2020 से पांच साल के लिए सालाना 100 अरब डॉलर का भुगतान किया जाएगा, लेकिन उस फंडिंग कार्यक्रम में तीन साल की देरी होने वाली है।
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