चीन के भारत के प्रति सख्त तेवर नर्म पड़ते नजर आ रहे हैं। संसद सत्र में चीन के विदेश मंत्री इतर वांग ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत-चीन के संबंधों को सुधारने पर जोर दिया। वांग यि बोले, चीन के ड्रैगन और भारत के हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए, बल्कि अपने सारें मतभेदों को बुलाकर उन्हें संबंधों को मजबूत बनाने पर विचार करना चाहिए। इस दौरान वांग ने दोनों देशों से अपने मानसिक अवरोध को त्यागने, मतभेदों को सुलझाने की भी अपील की।
जब उनसे सवाल किया गया कि साल 2017 में डोकलाम गतिरोध सहित अन्य मुद्दों को लेकर मुश्किल स्थिति के बाद चीन भारत के साथ अपने रिश्ते को किस रूप में देखता है, तो इस पर वांग ने बताया, ‘कई परीक्षाओं और मुश्किलों के बावजूद भी चीन- भारत के बीच संबंध बेहतर हो रहे हैं।’ ‘अगर चीन और भारत एकजुट हो जाएं तो वह मिलकर एक और एक दो की जगह, एक और एक ग्यारह हो सकते हैं।’
विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘‘ राजनीतिक विश्वास होने की स्थिति में हिमालय भी हमारे मित्रवत संबंधों को नहीं रोक सकता।’’ यह पूछने पर कि क्या भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की हिन्द- प्रशांत रणनीति से चीन के बेल्ट एंड रोड इंनिशिएटिव( बीआरआई) पर फर्क पड़ेगा, उन्होंने बेहद कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि सुर्खियां बनाने वाले विचारों की कोई कमी नहीं है, लेकिन वह समुद्री झाग की तरह है जो ध्यान तो जल्दी आकर्षित करता है लेकिन जल्दी ही खत्म हो जाता है।’’