भारतवंशी Rishi Sunak ने आज ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। ब्रिटेन के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक यूनाइटेड किंगडम के पहले हिंदू और अश्वेत प्रधानमंत्री बने हैं। ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद ऋषि सुनक ने यूके के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने गुरुवार को अपने 45 दिन के छोटे से कार्यकाल के बाद इस्तीफा देने की घोषणा की थी। बताया जा रहा है कि इस पद को संभालने के बाद ऋषि सुनक के सामने भी एक से बढ़कर एक ऐसी कई चुनौतियां आने वाली हैं जिसके कारण लिज ट्रस को इस्तीफा देना पड़ा था।
Rishi Sunak के सामने आने वाली हैं ये चुनौतियां
- जानकारी के अनुसार अभी ब्रिटेन मंदी के दौर से गुजर रहा है। सुनक को सबसे पहले इस मंदी की चुनौती से निपटना होगा। इसके साथ ही देश में बढ़ती महंगाई, इंडस्ट्री के क्षेत्र में फैली उथल-पुथल भी सुनक को चुनौती देने के लिए तैयार है। अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के 5 बड़े अर्थव्यस्था वाले देशों की लिस्ट से ब्रिटेन बाहर होकर छठे स्थान पर जा चुका है। इस स्थिति को भी सुधारने के लिए सुनक को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
- ब्रिटिश करेंसी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। बैंक ऑफ इंग्लैंड को सरकार के रेस्क्यू के लिए आना पड़ा। इन हालात में देश को संभालना सुनक के लिए मुश्किल हो सकता है।
- ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई एक बड़ी परेशानी है जिससे देश को बाहर निकालना सुनक के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। लिज सरकार के लिए भी यही सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी थी। ऐसे में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
- ब्रिटेन में जारी सियासी हलचल के बीच खुद को मजबूती से आगे बढ़ाना और लोगों का विश्वास जीतना भी सुनक के सामने एक चुनौती की तरह ही होगा। बिगड़ते हालात के बीच सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी में ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। ऐसे में लोगों के विश्वास में लाना एक बड़ी चुनौती होगा।
- ब्रिटेन में आम चुनाव जनवरी 2025 से पहले होनी की बात कही जा रही है। इससे आमतौर पर सुनक पर सभी कामों को सही और जल्दी करने की चुनौती होगी।
- इन सबके अलावा Rishi Sunak को यूक्रेन का मुद्दा, एनएचएस, ब्रेक्सिट का प्रभाव, एनर्जी सिक्योरिटी जैसे तमाम मुद्दों का भी सामना करना पड़ेगा।
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