पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने बताया है कि आखिर क्यों वे भारत आने को राजी हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी भारत यात्रा शंघाई सहयोग संगठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी यात्रा का भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों से कोई लेना देना नहीं है।
बता दें कि अगले महीने गोवा में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होनी है। इसी बैठक में हिस्सा लेने बिलावल भारत आ रहे हैं। बिलावल भुट्टो ने कहा कि उनकी यात्रा को शंघाई सहयोग संगठन के संदर्भ में ही देखा जाना चाहिए। मालूम हो कि 4-5 मई को जब गोवा में यह बैठक होगी तो बिलावल पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। पड़ोसी देश के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर बिलावल भारत आ रहे हैं।
बता दें कि 12 साल बाद कोई पाकिस्तानी विदेश मंत्री भारत आ रहा है। यहां तक कि बीते 9 साल से पाकिस्तान का कोई बड़ा नेता भारत नहीं आया है। चूंकि भारत इस बैठक का मेजबान है इसलिए उसने सभी सदस्य देशों को यह निमंत्रण भेजा है।
मालूम हो कि लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते खराब रहे हैं। भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करना, पाक को रास नहीं आया था। बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि इस समय रूस यूक्रेन युद्ध चल रहा है। रूस इस संगठन का सदस्य देश है।