वर्चुअल डेमोक्रेसी समिट (Virtual Democracy Summit) 9-10 दिसंबर को होने वाला है। इस समिट में हिस्सा लेने के लिए बाइडेन प्रशासन (Biden Government) ने 110 देशों की सूची जारी की है। समिट से तुर्की और चीन को बाहर रखा गया है। वहीं ताइवान को न्योता भेजा गया है। आमंत्रित किए गए देशों में भारत, पाकिस्तान, इराक और नेपाल जैसे अन्य देश शामलि हैं।
इन देशों को मिला न्योता
विदेश विभाग ने मंगलवार रात को सूची जारी कर बताया कि अमेरिका की तरह नाटो के सदस्य तुर्की को सूची से बाहर रखा गया है। अमेरिका के मुख्य प्रतिद्वंद्वी यानी चीन को को भी इसमें हिस्सा लेने के लिए नहीं बुलाया गया है। चीन अमेरिका के इस कदम से नाराज हो सकता है।
विदेशी मीडिया स मिली जानकारी के अनुसार वर्चुअल डेमोक्रेसी समिट में शामिल होने के लिए कुल 110 देश के नेताओं को न्योता भेजा गया है। न देशों में दक्षिण और मध्य एशियाई (SCA) क्षेत्र के 4 देश भारत (India), मालदीव (Maldives), नेपाल (Nepal) और पाकिस्तान (Pakistan) शामिल हैं। इसमें मिडिल इस्ट के देशों से केवल इज़राइल और इराक होंगे
क्या है उद्देश्य?
मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में मामलों की चर्चा के मुख्य बिंदु के रूप में व्हाइट हाउस ने तीन प्रमुख विषयों का जिक्र किया है जा सकता है। जिसमें ‘अधिनायकवाद के खिलाफ बचाव’, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग’, ‘मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाना’ शामिल है। यह एक ऐसा कदम जिसका उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार के साथ एकजुटता दिखाना है।
यह सम्मेलन कोरोन को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन होने वाली है। इसमें चीन, तुर्की, मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि अमेरिका ने चीन को चिढ़काने के लिए ताइवान को आमंत्रित किया है।
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