सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बने हालात को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। इसी मामले पर शनिवार (13 जनवरी) को बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने बैठकें की और सुप्रीम कोर्ट से खुद मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की अपील की।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने अपनी बैठक में दो प्रस्ताव से पास किए जिन्हें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को भेजा जाएगा। SCBA के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताय कि दोनों प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गए हैं। पहला प्रस्ताव मामले को सुलझाने को लेकर है। जिस तरह से शुक्रवार को 4 वरिष्ठतम जजों ने मुद्दों को उठाया है उन पर ध्यान दिया जाए और कोर्ट उसको खुद सुलाझाए। फुल कोर्ट मीटिंग बुलाकर मामले पर बात होनी चाहिए और इसे सुलझाया जाना चाहिए। दूसरा प्रस्ताव PIL के संबंध में है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि PIL के जो भी मामले हैं वह चाहे पुराने हो या नए सभी चीफ जस्टिस की बेंच के सामने लगने चाहिए, अगर चीफ जस्टिस मौजूद नहीं हैं तो फिर दूसरे नंबर के सीनियर जज की बेंच के पास जांए। यह मामले कॉलेजियम के 4 सीनियर जजों के सामने ही लगने चाहिए यानी कोर्ट नंबर 1 से 5 मे ही यह मामले सुनवाई के लिए लगे।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि वह मामले को सुलझाने के लिए जजों से मिलेंगे। पहले चीफ जस्टिस से मुलाकात का वक्त मांगा जाएगा और अगर फिर जरुरत पड़ी तो बाकी जजों से भी मिलेंगे। SCBA का कहना है कि लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास है वह बना रहे यह जरुरी है। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

दूसरी तरफ बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया की भी इस मसले पर बैठक हुई। BCI ने इस पर 7 मेंबर की कमेटी बनाई है। यह कमेटी रविवार (14 जनवरी) को जजों से मुलाकात करेगी और मामले पर चर्चा करेगी। BCI के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा कि यह अदालत का अंदर का मामला है और उसे खुद ही इसे सुलझाना होगा। उन्होंने कहा कि  MOP का मसला भी सुलझना चाहिए। BCI ने सभी राजनीतिक दलों से इस पर राजनीति ना करने की भी अपील की है।

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