वीवीआईपी हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले मामले में भारत को तगड़ा झटका लगा है। इटली की मिलान कोर्ट ने सबूतों के अभाव में लियोनार्डो कंपनी के दो अधिकारियों को भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को घूस देने के आरोप से बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं, जिनसे ये साबित हो सके कि 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार हुआ था। इटली की अदालत ने भारत के नुकसान होने के आरोप को भी नहीं माना।
भारत में CBI इस डील के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत कई आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही है। हालांकि CBI की दलील है कि इस फैसले का भारत में चल रही जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा उसका दावा है कि उसके पास इस केस में पर्याप्त सबूत हैं। इटली की अदालत के फैसले में इस केस में आरोपी रहे मिशेल और हश्के समेत तीनों बिचौलियों को भी बरी कर दिया गया है हालांकि भारत में ये दोनों आरोपी वांछित हैं। अब इस केस में इतावली अभियोजकों के पास फिर से अपील करने का अधिकार है लेकिन अभी इटली के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कुछ नहीं कहा गया है।
साल 2010 में 3600 करोड़ रुपये में 12 वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ था। आरोप है कि इस सौदे को हासिल करने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय अधिकारियों को 423 करोड़ रुपये की घूस दी थी। इटली की निचली अदालत ने मामले में साल 2016 में आरोपियों को दोषी ठहराया था। मामले में ओरसी को साढ़े चार साल और ब्रूनो को चार साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद इससे पहले इटली की सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ दोबारा से सुनवाई करने का आदेश दिया था। अब इटली की मिलान कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।