उत्तर प्रदेश में Monkeypox को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। यही नहीं इस बाबत एक एडवाइजरी जारी की गयी है और स्वास्थ्य अधिकारियों को एसओपी का पालन करने का निर्देश दिया गया है। एडवाइजरी के मुताबिक चकत्ते वाले लोगों की निगरानी करने के लिए कहा गया है। जिन्होंने हाल ही में ऐसे देश की यात्रा की है जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। राज्य सरकार ने ऐसे लोगों की निगरानी करने के लिए कहा है और साथ ही उनको आइसोलेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
Monkeypox के लक्षण वालों को आइसोलेशन में रखने की सलाह
एडवाइजरी के मुताबिक संदिग्ध मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहने की जरूरत है जब तक कि चकत्ते ठीक न हो जाएं या डॉक्टर आइसोलेशन खत्म करने की सलाह न दें। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भेजी गई एडवाइजरी के अनुसार, रक्त और थूक के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे जाएंगे।
डॉक्टरों की मानें तो मंकीपॉक्स के अधिकांश रोगियों में बुखार और चकत्ते के लक्षण मिलते हैं। साथ ही यह संदेह है कि मानव-से-मानव ट्रांसमिशन श्वसन बूंदों के माध्यम से होता है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि हालांकि 22 मई तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी हैं जिसके लक्षण चार सप्ताह तक रह सकते हैं। यूके, यूएसए, यूरोप, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से मामले सामने आए हैं।
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