UP News : जमीन आवंटन में लखनऊ विकास प्राधिकरण अधिकारियों का बड़ा “खेल”, एपीएन न्यूज़ की पड़ताल में सच आया सामने

UP News: इस पूरे रहस्य से पर्दा हटाने के लिए जब एपीएन संवाददाता ने प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया तो वो कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नजर आए।

0
323
UP News: जमीन आवंटन मामले में भ्रष्टाचार
UP News: जमीन आवंटन मामले में भ्रष्टाचार

UP News: प्राधिकरण और उसके द्वारा किए जाने वाले जमीन के आवंटन में भ्रष्टाचार कोई नया मामला नहीं है। इसके पहले भी कई बार प्राधिकरण गलत ढंग से जमीनों के आवंटन को लेकर कटघरे में खड़ा होता रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नया रहस्य सामने आया है जिसमें जिसको भूखंड आवंटित किया गया है उसका कोई जमीन पर वजूद ही नहीं है। साथ ही रजिस्ट्री में पेशेवर गारंटरों का भी इस्तेमाल किया गया है जो एक साथ कई प्लाटों के रजिस्ट्री के गवाह बनकर सामने नजर आ रहे हैं।

download 2022 06 25T132253.105
UP News

UP News: एपीएन न्यूज़ के हाथ लगे दस्तावेज

बता दें कि नोएडा हो या फिर लखनऊ, प्लाट के आवंटन को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जो नया मामला सामने आया है उसमें जिसको लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जमीन आवंटित की है उसका कोई वजूद नजर नहीं आ रहा है। जब एपीएन न्यूज़ की टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि जिसको प्लॉट मिला है उसका पैन कार्ड भी फर्जी है और आधार भी फर्जी है साथ ही जिस नाम से भूखंड का आवंटन किया गया है उस नाम का कोई व्यक्ति दिए गए पते पर नहीं रहता है।

भ्रष्टाचार के मामले में जब परतें खुलती हैं तो बहुत दूर तक जाती हैं। APN के हाथ लगे दस्तावेजों में 2 भूखंडों के रजिस्ट्री में जिन गवाहों का जिक्र किया गया है उसमें से एक ही तारीख में 2 भूखंडों के तीन गवाह एक ही है। इससे यह साबित होता है कि जमीन की रजिस्ट्री में पहले से ही कुछ मिलीभगत थी।

WhatsApp Image 2022 06 24 at 8.46.01 PM
दस्तावेज

UP News: जिसके नाम से हुआ आवंटन उसका आधार,पैन कार्ड है फर्जी

विपुल खंड के प्लाट नंबर 6 बटा 225 का आवंटन जिस कृति देव बनर्जी के नाम से हुआ है उनका मूल पता आधार एवं पैन कार्ड फर्जी है। एलडीए के द्वारा जिन भूखंडों की रजिस्ट्री की गई है उसमें गवाहों के नाम को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं । कीर्ति देव बनर्जी विपुल खंड में 6/225 का जो प्लाट आवंटित किया गया है उसके साथ ही आशा दीक्षित के प्लाट नंबर 5/620 विकासखंड में अगर गौर से देखें तो दोनों के रजिस्ट्री के गवाह एक ही हैं। सोनू पुत्र गिरजा शंकर, विमलेश तिवारी पुत्र छोटेलाल तिवारी, अभिषेक कश्यप पुत्र विजय कुमार और वही कृति देव बनर्जी की रजिस्ट्री पर नजर डालें तो वहां पर भी विमलेश तिवारी पुत्र छोटेलाल तिवारी सोनू पुत्र गिरजा शंकर और अभिषेक कश्यप पुत्र विजय कुमार स्पष्ट तौर पर दस्तावेजों पर नजर आ रहे हैं।

वहीं, विकासखंड के प्लॉट नंबर 3 बटा 214 की रजिस्ट्री विजेंद्र नाथ अवस्थी के नाम से की गई है जिसकी मूल पत्रावली ही विकास प्राधिकरण से गायब है साथी इनका आईडी भी फर्जी प्रतीत हो रहा है और रजिस्ट्री के समय दिया गया पैन कार्ड नंबर DAHPA 2705Q का भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है , जब आगरा में Apn रिपोर्टर दिए गए पते पर पहुंची तो सच स्थानीय लोगों ने भी बया कर दी।

WhatsApp Image 2022 06 24 at 8.46.01 PM 1
दस्तावेज

सरकारी वेबसाइट पर रेकॉड भी उपलब्ध नहीं

इसी तरह विकास खंड के प्लाट नंबर 5/353 का भी मामला है। जहां, LDA की वेबसाइट पर शिवमूर्ति गुप्ता का कोई रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। हालांकि इनके नाम रजिस्ट्री हो गई है। इस रजिस्ट्री में लगे पैन नंबर- CUCPG1572S और आधार संख्या- 203480044814, दोनों का कोई रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं है वहीं फ़ैज़ाबाद का पता भी गलत दिया गया है। मसला सिर्फ फर्जी तरीके से गलत दस्तावेजों के सहारे भूखंड के आवंटन का नहीं है बल्कि एक मामले में तो बैंक की भी मिलीभगत दिख रही है जिसमें 2 लोगों के नाम से संयुक्त बैंक खाता खोला गया जिसमें एक व्यक्ति के संपूर्ण दस्तावेज फर्जी हैं और जब दूसरे व्यक्ति से बात की गई तो उसने पहले तो अपना संबंधी बताया लेकिन फिर अपनी बात से मुकर गया।

संयुक्त सचिव (NB-1) लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नहीं दिया जवाब

इस पूरे रहस्य से पर्दा हटाने के लिए जब एपीएन संवाददाता ने प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया तो वो कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नजर आए। लेकिन एपीएन के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं उससे ये प्रतीत होता है कि इस पूरे प्रकरण की जानकारी LDA के अधिकारियों के साथ ही लखनऊ के कमिश्नर कार्यालय को भी थी। अगर प्राधिकरण के सभी प्लाटों की ठीक से तहकीकात कराई जाए तो बेनामी संपत्ति के नाम पर खरीदे गए सैकड़ों भूखंड और उनके स्वामी का नाम और सालों से ख़ाली पड़े प्लाटों का रहस्य सामने आ जाएगा। बताते चले कि इस मामले में जब एपीएन न्यूज़ की रिपोर्टर वर्षा शाही संयुक्त सचिव (NB-1) लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा। तो उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया है।

एपीएन न्यूज़ की रिपोर्टर वर्षा शाही की रिपोर्ट

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here