दिल्ली विधानसभा (Delhi Legislative Assembly) के अधिकारियों ने शुक्रवार को विधानसभा और लाल किले (Red Fort) के बीच एक सुरंग जैसी संरचना की खोज की। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल (Ram Niwas Goel) ने कहा कि गुप्त मार्ग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल अंग्रेजों द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाते समय लोगों के प्रतिशोध से बचने के लिए इस सुरंग उपयोग किया गया था। इस सुरंग का रास्ता मिल गया है और जल्द ही इसे फिर से तैयार किया जाएगा। सुरंग से संबंधित अधिकारियों ने तक इसके नवीकरण का काम होने के बाद अगले साल 15 अगस्त से इसमें सार्वजनिक यात्रा की अनुमति देने का फैसला किया है। पर्यटन विभाग की ओर से शनिवार और रविवार को लोगों को site पर आने की अनुमति दी जाएगी।

गोयल ने कहा- सुरंग का उपयोग करते थे अंग्रेज
दिल्ली विधान सभा में मिली इस सुरंग जैसी संरचना पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि “यह सुरंग लाल किले से जुड़ती है। इसके इतिहास पर कोई स्पष्टता नहीं है,लेकिन इसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानियों को स्थानांतरित करते समय प्रतिशोध से बचने के लिए किया था।” दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि हम इसके मुहाने की पहचान करने में कामयाब रहे हैं,लेकिन आगे नहीं खोदेंगे। जल्द ही हम इसे फिर से तैयार करेंगे और इसे जनता के लिए उपलब्ध कराएंगे। उम्मीद है कि अगले साल 15 अगस्त तक इसके नवीकरण का काम हो जाएगा।
2016 में भी दिल्ली विधानसभा में सुरंग मिली थी
इससे पहले 2016 में दिल्ली विधानसभा के फर्श के नीचे से ही एक और गुप्त मार्ग का पता चला था। उस समय विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने गुप्त मार्ग की खोज की थी। खोज के बाद गोयल ने कहा था कि उन्होंने कर्मचारियों से इसके अस्तित्व की अफवाहें सुनीं थी । तब भी गोयल ने कहा था कि सुरंग का इस्तेमाल कैदियों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता था।
अंग्रेजों ने 1911 मेंं दिल्ली को राजधानी बनाया
दिल्ली विधान सभा 1911 की है जब अंग्रेजों ने भारतीय राजधानी को कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया था। दिल्ली विधानसभा और लाल किले के बीच की दूरी 5.5 किमी है। लाल किला भारत का एक ऐतिहासिक किला है जो मुगल सम्राटों के मुख्य निवासों में एक था। बादशाह शाहजहाँ ने 12 मई 1638 को लाल किले का निर्माण शुरू किया, जब उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया।
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