Delhi के Najafgarh में 2016 में हुई घटना पर फैसला देते हुए द्वारका कोर्ट (Dwarka Court) ने 17 साल की नाबालिग लड़की के अपहरण और हत्या के मामले में दोनों आरोपी लड़को को बरी करते हुए कहा कि लड़की ने आत्महत्या की क्योंकि उसके हाथों पर बंदूक के कारतूस के अवशेष मिले थे। द्वारका कोर्ट ने शुक्रवार को दोनों लड़कों को POCSO और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत अपहरण और हत्या के आरोपों से बरी करने का फैसला सुनाया।
पोस्को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कर्मियों पर जांच करने की सिफारिश की
फैसले में पोस्को कोर्ट के जज नवजीत बुद्धिराजा (Navjit Budhiraja) की कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कर्मियों राजबीर सिंह लांबा और नरेश सांगवान के खिलाफ जांच में चूक और मनगढ़ंत मामला दर्ज करने के लिए विभागीय जांच की सिफारिश की।
इसके अलावा कोर्ट ने यह माना है कि इन लोगो ने जांच को भटकाने का काम किया था इसलिए मृतक लड़की की मां, FSL करने वाले डॉक्टर और मृतक लड़की के एक दोस्त के खिलाफ भी आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट में झूठी गवाही देने पर उनके खिलाफ CRPC की धारा 340 के तहत कार्रवाई के भी आदेश दिए गए। साथ ही कोर्ट ने पिस्तौल के मालिक योगेश को आर्म्स एक्ट का उल्लंघन कर अवैध रूप से पिस्टल रखने का दोषी ठहराया।
यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करने के दावे को कोर्ट ने किया खारिज
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया है कि लड़की को शराब पिलाई गई थी और दोनों आरोपियों के द्वारा यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया था। साथ ही अभियोजन का यह आरोप भी खारिज कर दिया कि दोनों आरोपी मृतक लड़की से लड़ रहे थे। इस मामले में FIR में दावा किया गया था कि मुख्य आरोपी ने कार का दरवाजा खोलकर मृत लड़की को गोली मार दी थी।
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