Taj Mahal Controversy: प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला आगरा का ताजमहल विवादों से घिरा हुआ है। इस समय ताजमहल के नाम बदलने को लेकर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को आगरा नगर निगम में ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने का प्रस्ताव दिया गया। इसे लेकर बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर ने चर्चा के लिए प्रस्ताव पेश किया था। अब ताजमहल के नामांतरण के प्रस्ताव पर आगरा नगर निगम सदन के अधिकार पर सवाल खड़े हो गए हैं।
नाम बदलने को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि क्या नगर निगम के पास ताजमहल का नाम बदलने का अधिकार है? अगर नहीं, तो क्या सदन में किसी पार्षद को ऐसा प्रस्ताव लाना चाहिए जो सदन के अधिकार क्षेत्र के बाहर हो? बहुमत के बल पर अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है तो क्या करेंगे? ऐसे कई सवालों की वजह से अब ये मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, आगरा नगर निगम के सदन के पास ताजमहल का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। दरअसल, आगरा नगर निगम के ताजगंज वार्ड 88 से बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव दिया था।
Taj Mahal Controversy: आगरा नगर निगम के पास ताजमहल का नाम बदलने का हक नहीं
ताजमहल के नामांतरण पर महापौर नवीन जैन ने स्पष्ट कहा कि आगरा नगर निगम के पास ताजमहल का नामांतरण करने का अधिकार नहीं है। हालांकि, बुधवार को ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव सदन में पास नहीं हो पाया था।
इस बीच सदन में स्तूप बनाने के प्रस्ताव पर पार्षदों के बीच काफी विवाद हुआ। पार्षदों ने जोरदार नारेबाजी के बीच सभापति की डाइस के सामने धरना दिया, जिसके कारण सभापति और महापौर नवीन जैन ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
सदन के अनिश्चितकालीन स्थगन के बाद कांग्रेस के पार्षद शिरोमणि सिंह का कहना है कि पार्षद प्रस्ताव लाने के लिए स्वतंत्र हैं। मगर मेयर को भी अधिकार है कि वह इसे रोक सकता है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को सूची में शामिल किया गया है तो इसे पढ़ा जाएगा। संख्या बल के आधार पर इसे पारित कराने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम के पास यह अधिकार नहीं है कि वह केंद्र सरकार के किसी स्मारक का नाम बदल दें। इसे केवल कानूनी कार्यवाही के लिए भेजा जा सकता है।
Taj Mahal Controversy: सस्ती लोकप्रियता पाने का हथकंडा- शिरोमणि सिंह
ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने पर कांग्रेस पार्षद शिरोमणि सिंह ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए यह किया जा सकता है। चुनाव नजदीक आ रहे हैं। सिविल सोसायटी संस्था के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि इन लोगों को कोई जानकारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में साल 2000 में जनहित याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि हर आदमी इतिहासकार नहीं बन सकता है। ठीक यही बात हाईकोर्ट ने कही थी।
Taj Mahal Controversy: पहले भी विवादों में रह चुका है ताजमहल
- मई 2017 में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल समेत दक्षिणपंथी संगठनों ने ताजमहल पर विरोध प्रदर्शन किया था।
- नवंबर 2018 में राष्ट्रीय बजरंग दल की महिला विंग की जिला अध्यक्ष मीना दिवाकर ने ताजमहल परिसर के भीतर मस्जिद में आरती की।
- जनवरी 2021 में हिंदू जागरण मंच की युवा वाहिनी के चार कार्यकर्ताओं ने ताजमहल परिसर में शिव चालीसा का पाठ किया और भगवा झंडा लहराया था।
- अप्रैल मई 2022 को भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ अयोध्या में पीठाधेश्वर तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल में एंट्री से रोका गया।
- 7 मई 2022 को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ताजमहल के 22 बंद दरवाजों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है। जिससे पता लगाया जा सके कि वहां हिंदू देवताओं की मूर्तियां तो नहीं हैं। याचिका में 1951 और 1958 में बने कानूनों को संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध घोषित किए जाने की भी मांग की गई थी।
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