Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक सरकार ने HC से कहा – हिजाब पहनने का अधिकार धार्मिक स्वतंत्रता के अंतर्गत नहीं आता

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Karnataka Hijab Controversy: हिजाब विवाद के मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कर्नाटक सरकार ने Karnataka High Court से कहा कि संस्थागत अनुशासन के अधीन उचित प्रतिबंधों के साथ भारत में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बता दें कि हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश Ritu Raj Awasthi, Justice J M Khaji और Justice Krishna M Dixit की पीठ हिजाब को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

कर्नाटक सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता Prabhuling Navadgi ने सुनवाई के दौरान कहा कि हिजाब पहनने का अधिकार 19 (1) (ए) की श्रेणी में आता है, न कि अनुच्छेद 25 के तहत। अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत दावा किए गए अधिकार अनुच्छेद 19 (2) से संबंधित हैं, जहां सरकार संस्थागत प्रतिबंध के अधीन एक उचित प्रतिबंध लगाती है।

Prabhuling Navadgi
Prabhuling Navadgi (File Photo)

Karnataka Hijab Controversy: 19(1)(ए) का दावा आर्टिकल 25 के साथ चल नहीं सकता

महाधिवक्ता नवदगी ने सुनवाई में कहा कि इस मामले में संस्थागत प्रतिबंध केवल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के अंदर है और कहीं नहीं है और 19(1)(ए) का दावा आर्टिकल 25 के साथ नहीं चल सकता। उन्‍होंने कहा कि हिजाब को एक आवश्यक धार्मिक प्रथा के रूप में घोषित करने की मांग का परिणाम बहुत बड़ा होगा क्योंकि इसमें मजबूरी का तत्व है या फिर आपको समुदाय से निकाल दिया जाएगा।

Prabhuling Navadgi (File Photo)
Prabhuling Navadgi (File Photo)

बता दें कि अनुच्छेद 19(1)(ए) भारतीय संविधान की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। वहीं Article 25 धर्म की स्वतंत्रता की बात करता है और कहता है कि पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता और स्वास्थ्य इस भाग के अन्य प्रावधानों के अधीन, सभी व्यक्ति समान रूप से conscience की स्वतंत्रता, धर्म को मानने, प्रैक्टिस करने और प्रचार करने के स्वतंत्र रूप से अधिकार के हकदार हैं। गौरतलब है कि उडुपी के सरकारी जूनियर कॉलेज की पांच लड़कियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

Karnataka Hijab Controversy

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