पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। साल 1990 से देश में बंदूकतंत्र की सरकार बनाने का ख्वाब देखने वाले तालिबान का सपना सच हुआ। जब भारत और पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न मना रहे थे उस वक्त पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान अपनी आजादी खो रहा था। देश अब तालिबान का गुलाम बन गया है।
अफगानिस्तान की गुलामी का जश्न कई देश मना रहें हैं। कई देशों ने तो यह तक कह दिया कि अफगानिस्तान अब आजाद हो गया है। राजनीतिक हस्तियों से लेकर आम जनता इस मुद्दे पर प्रखर हो कर बात कर रही है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता Shafiqur Rahman Barq ने भी तालिबान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वे लोग अपनी आजादी के लिए लड़ रहें हैं। पाक पीएम इमरान खान ने भी कहा है कि अफगानिस्तान ने गुलामी की जंजीरें तोड़ दी हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि, जिस तरह भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के लिए लड़ रहा था उसी तरह तालिबान भी अमेरिकी शासक से लड़ रहा है। वे अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं। वैसे भी यह अफगानिस्तान का आंतरिक मुद्दा है हमे इस पर बात नहीं करनी चाहिए। रहमान ने आगे कहा, मैं तालिबान का समर्थन नहीं करता हूं यह उनका मामला। बता दें कि रहमान उत्तर प्रदेश के संभल से सपा के सांसद हैं।
शफीकुर रहमान बर्क के बयान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान से जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि पाक पीएम और समाजवादी पार्टी के सांसद में कोई अंतर नहीं है।
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सपा पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वार किया है उन्होंने कहा कि, समाजवादी पार्टी में कुछ भी हो सकता है। अगर किसी ने कहा है तो उनमें और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान में कोई अंतर नहीं है।
बता दें कि, पाक पीएम ने तालिबान का साथ देते हुए कहा था कि, ”अफगानिस्तान ने गुलामी की जंजीरें तो तोड़ दी, लेकिन जो जहनी गुलामी की जंजीरे हैं वो नहीं टूटती।”