Satyendra Jain: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत दी है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप बेनामी लेनदेन संशोधन अधिनियम के तहत मंत्री के खिलाफ सभी कार्यवाही बंद करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने सत्येंद्र जैन को राहत देते हुए बेनामी लेनदेन संशोधन अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है।
रिट याचिका मंजूर
इससे पहले सितंबर में उच्च न्यायालय ने घोषणा की थी कि संशोधित बेनामी कानून के तहत दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई, जबरदस्ती या अन्यथा नहीं की जाएगी। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा, ” सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित कानून के मद्देनजर, रिट याचिकाओं की अनुमति दी जाती है और अधिनियम के तहत शुरू की गई सभी कार्यवाही बंद हो जाएगी।”
2017 में दर्ज हुआ था केस
मनी लाड्रिंग मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सत्येंद्र जैन ने एक मुकदमा दर्ज किया था। सत्येन्द्र जैन के खिलाफ दर्ज मुकदमे के आधार पर ईडी ने 2017 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत जैन एवं अन्य दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जैन पर उनसे संबद्ध चार कंपनियों के जरिए मनी लान्ड्रिंग का आरोप है।
याचिका को किया था खारिज
बता दें कि इससे पहले उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश के स्थानांतरण के खिलाफ मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन की याचिका को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा था, सवाल जज या उन अधिकारियों की ईमानदारी या ईमानदारी का नहीं है, जिन पर कभी जैन का अधिकार क्षेत्र था, बल्कि एक पक्ष के मन में एक आशंका का है। उन्होंने कहा, तथ्य बताते हैं कि विभाग ने न केवल इस तरह की आशंका जताई थी, बल्कि इस अदालत में तेजी के साथ कार्रवाई की थी।
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