Rampur By election 2022: रामपुर में आजम खां के इस्तीफा देने के बाद लोकसभा की सीट खाली हो गई है। ऐसे में उपचुनाव के नामांकन की प्रक्रिया लगभग प्रत्याशियों की ओर से पूरी कर दी गई है।भाजपा ने घनश्याम सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने पार्टी के नगर अध्यक्ष आसिम राजा को चुनाव मैदान में उतारा है।
4 महीने पहले तक भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी सपा की आंखों का तारा थे और उनके रिश्ते जहां आजम खां से करीबी थे। वहीं सपा प्रत्याशी आसिम राजा भी उनके अच्छे व्यक्तिगत दोस्तों में शुमार थे। वक्त बदला और घनश्याम सिंह लोधी ने सपा से नाता तोड़कर झट भाजपा का दामन थाम लिया।

Rampur By Election 2022: दोस्ती की पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया पर हो रहीं वायरल

दोनों ही नई विचारधारा एवं चुनावी मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में उतर चुके हैं।दोनों की सपा कार्यालय में एक साथ खिंचवाई गई कई तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिन्हें देखकर हिंदी फिल्म का चर्चित गाना…. दुश्मनों ने तो दुश्मनी की है, दोस्तों ने क्या कमी की है।ऐसा भी देखो वक्त जीवन में आता है, अच्छा खासा दोस्त भी दुश्मन बन जाता है।बड़ी तेजी के साथ रामपुर वासियों के जहन में घूमने लगा है।
भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी के आजम खां के साथ गहरे सियासी रिश्ते रहे हैं यही कारण है कि आजम खां ने उनसे गुरेज ना करते हुए उन्हें वर्ष 2016 के विधानपरिषद के चुनाव में ना सिर्फ पार्टी का टिकट दिलवाया बल्कि चुनाव जितवाकर विधान परिषद तक भी पहुंचवाया।
हालांकि ये बात अलग है कि आजम खां वर्ष 2020 में सीतापुर की जेल में बंद हो गए और जेल से ही विधानसभा का चुनाव लड़ा था शायद यही वजह रही कि घनश्याम सिंह लोधी का संपर्क ज्यादा दिन तक उनसे ना रह पाया। उन्होंने विधानसभा चुनावों से चंद हफ्तों पहले अलविदा कहते हुए भाजपा की सदस्यता ज्वाइन कर ली।
Rampur By Election 2022: कभी एक दूसरे से सलाह मशवरा भी करते हुए दिखाई दिए

समाजवादी पार्टी में रहने के दौरान उनकी आसिम राजा से खासा पटरी खाती थी। कई मामलों में दोनों को एक दूसरे से सटे हुए देखा गया है और यही नहीं एक दूसरे से सलाह मशवरा भी करते हुए दिखाई दिए लेकिन वक्त ने ऐसी करवट बदली कि अब यह दोनों दोस्त देश के सबसे बड़े चुनाव में से एक यानी लोकसभा का उपचुनाव आमने सामने लड़ने जा रहे हैं।दोनों को अलग-अलग पार्टियों का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उनके गुजरे जमाने के दौरान साथ खिंचवाई गई तस्वीरें बड़ी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हो गई हैं।
Rampur By Election 2022: जानिये कौन हैं घनश्याम सिंह लोधी?
यूपी की राजनीति में घनश्याम सिंह लोधी कोई नया नाम नहीं है। वे काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से ही शुरू हुई थी। तब वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के काफी करीबी थे।भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रहे।वर्ष 1999 में वह भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए और लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीत दर्ज नहीं करवा पाए।
जब कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाई तो घनश्याम लोधी भी इसमें शामिल हो गए। 2004 में घनश्याम लोधी को इसका इनाम मिला।राष्ट्रीय क्रांति पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके घनश्याम को बरेली-रामपुर एमएलसी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया।वह जीत भी गए।
वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान घनश्याम लोधी ने फिर से बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया।बसपा ने उन्हें रामपुर से उम्मीदवार भी बनाया, लेकिन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और अभिनेत्री जयाप्रदा ने उन्हें पटखनी दी। वर्ष 2011 में घनश्याम वापस समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
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