–Reshu Tyagi
Ramayana Book Launched: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में दक्षिण पूर्व एशिया में रामायण (Ramayana) विषयक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इन दो दिवसीय सेमिनार में थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, फिलीपींस और मोंटेनीग्रो जैसे देशों के विद्वानों व कलाकारों ने प्रतिभाग किया। सेमिनार में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में रामायण (Ramayana) के विविध रूपों और वहां के समाज व कला पर उसके प्रभाव को रेखांकित किया गया।
वहीं, इस दौरान विरासत आर्ट की ओर से राम दरबार पर प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में एमडीएसडी फाउंडेशन व एडवेंट्स फाउंडेशन सहयोगी रहे। Apn न्यूज़ कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ थाई राजदूतावास के मंत्री व मिशन उप प्रमुख थिरापथ मोंगकोलनाविन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts) के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, और केंद्र में जनपद संपदा के विभाग प्रमुख प्रो. के. अनिल कुमार ने किया। वहीं आरंभ नृत्य प्रस्तुति यामिनी लक्ष्मणास्वामी ने दी। यामिनी ने रामाष्टक पर एकल प्रस्तुति दी।

Ramayana: कई देशों के विद्वानों और कलाकारों ने लिया हिस्सा
इसके बाद, अनिता बोस की पुस्तक रामायण (Ramayana) फुटप्रिंट्स इन साउथ ईस्ट एशियन कल्चर एंड हेरिटेज और डॉ. उपेंद्र राव की पुस्तक श्री रामकथा का विमोचन किया गया। थाईलैंड की निवासी अनिता बोस ने एशियाई देशों में रामायण के प्रभावों की चर्चा की वहीं उपेंद्र राव ने कंबोडिया के मंदिरों, चित्रों व प्रस्तुतियों में रामायण के प्रभाव को रेखांकित किया। फिलीपींस के प्रो. जोएफ बी संतारिता ने रामायण के प्रारूपों व विविध संस्कृति में उसके प्रभावों पर प्रकाश डाला। साथ ही वर्तमान फिलीपींस के समाज में रामायण के प्रभावों पर भी चर्चा की।
मोंटेनीग्रो से आये प्रो. तत्जना बुर्ज़ानोविक ने योरोपीय परंपरा व दृष्टिकोण से रामायण के प्रभावों की समीक्षा की। सेमिनार में रामायण पर आधारित कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। कोलकाता के मुद्रा डांस ग्रुप (Group Dance) व कंबोडिया के बुप्फा देवी डांस स्कूल ने नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जिसे दर्शकों की सराहना मिली। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जनार्दन घोष ने किया।
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