Rajupal Hatyakand: अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद को बसपा विधायक राजू पाल (Rajupal) की वर्ष 2005 में हुई हत्या के गवाह उमेश पाल को धमकाने और जानलेवा हमले के मामले में 2009 में मिली जमानत खारिज कर दी है।
सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला ने इस मामले की सुनवाई की।सभी पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने थाना धूमनगंज में दर्ज अपराध संख्या 270/2007 के मामले में 10 फरवरी 2009 को प्रभारी सत्र न्यायाधीश द्वारा अतीक अहमद को दी गई गई जमानत को निरस्त कर दिया।

Rajupal Hatyakand: जानें क्या था मामला?

Rajupal Hatyakand: बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता और जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का गवाह है। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिमी के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ मुख्य अभियुक्त हैं। हत्याकांड के बाद से ही उमेश पाल को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी थी।
28 फरवरी 2006 को फांसी इमली के पास शाम करीब 5 बजे अतीक अहमद की लैंड क्रूजर गाड़ी ने उमेश पाल का रास्ता रोक लिया और दूसरी गाड़ी ने उसे पीछे से घेर लिया। उसी गाड़ी से दिनेश पासी, अंसार बाबा और एक अन्य आदमी उतरे और अंसार बाबा ने उमेश पाल की कनपटी में पिस्तौल सटा दी।

इसके बाद लैंड क्रूजर में उठाकर पटक दिया। गाड़ी में अतीक अहमद व तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे। इसके बाद उमेश पाल को मारकर अतीक अहमद व उसके गुर्गों ने अधमरा कर दिया था। उसे मारते-पीटते चकिया कार्यालय ले गए। चकिया कार्यालय में मारपीट के अलावा उसे करंट के शॉक भी दिए गए।
इस मामले में अतीक अहमद के खिलाफ थाना धूमनगंज में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिला एवं सत्र न्यायालय से अतीक अहमद को 2009 में जमानत मिल गई थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया।
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