Maharashtra की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से मनसे प्रमुख Raj Thackeray की खूब चर्चा हो रही है। हाल ही में उनके मस्जिद के लाउडस्पीकर को लेकर दिए बयान के बाद देश में एक नई बहस शुरू हो गई थी। राज ठाकरे ने पिछले कुछ दिनों से हिंदुत्व का जो रुख अपनाया उससे कई दिनों से ऐसी अटकलें तेज हैं कि वो आगामी नगर निगम निकाय चुनाव भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ सकते हैं। बता दें कि आज मनसे प्रमुख राज ठाकरे एक महत्वपूर्ण सभा करने वाले हैं।

महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों को लेकर राज ठाकरे की पार्टी और राज ठाकरे का जो रुख रहा है उसको लेकर कई बार उनकी आलोचना भी हुई है। बता दें कि उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं पर मुंबई में रह रहे उत्तर भारतीयों पर हमला करने के भी आरोप लगे हैं।
Bal Thackeray हैं Raj Thackeray के गुरु
राज ठाकरे शिवसेना के संस्थापक Bal Thackeray के भतीजे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना से ही की थी। हालांकि 2006 में वैचारिक मतभेद के चलते उन्होंने शिवसेना से अपने रास्ते अलग कर दिए थे और अपनी एक अलग पार्टी मनसे बनाई थी। शिवसेना से अलग होने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा था कि शिवसेना अपना पुराना गौरव भूल गई है। हालांकि नई पार्टी बनाने के बाद भी उन्होंने कहा था कि बाला साहब ठाकरे उनके गुरु थे, हैं और हमेशा रहेंगे।

Raj Thackeray और उत्तर भारतीय
भारत की राजनीति में राज ठाकरे की ऐसी इमेज है कि वो एंटी उत्तर-भारतीय हैं और वो यूपी-बिहार और अन्य हिंदी भाषी राज्यों के लोगों को पसंद नहीं करते हैं। उनकी पार्टी की स्थापना होने के बाद मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर भारतीयों पर हमला करने की कई खबरें भी बनी। 10 फरवरी 2008 को, मनसे कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में उत्तर भारतीयों और उनकी दुकानों पर हमला किया। साथ ही कई सरकारी संपत्तियों को भी नष्ट किया। जिसके बाद नासिक पुलिस ने हिंसा के लिए 26 मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। राज ठाकरे ने प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की भी आलोचना की थी।
8 सितंबर 2008 को इंफोसिस टेक्नोलॉजीज ने महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के श्रमिकों पर मनसे के हमलों के कारण 3,000 कर्मचारियों को पुणे से ट्रांसफर कर दिया था। 15 अक्टूबर 2008 को राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में जेट एयरवेज के संचालन को बंद करने की धमकी दी थी।
2008 में गए थे जेल
अक्टूबर 2008 में, MNS कार्यकर्ताओं ने मुंबई में रेलवे भर्ती की परीक्षा में बैठने वाले उत्तर भारतीय उम्मीदवारों की पिटाई की थी। बता दें कि ट्रेन दुर्घटना और दंगे के कारण बिहार के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर संसद में हंगामे के बाद राज ठाकरे को 21 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। उनको उसी दिन एक अदालत में पेश किया गया था और अगले दिन जेल में रात बिताने के बाद वो वापस आए थे।

2014 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ हो गए थे और उन्होंने बीजेपी के विरोध में चुनाव प्रचार भी किया था। लेकिन 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ आने के बाद उन्होंने अपना स्टैंड बदला है।
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