निवास प्रमाणपत्र देरी से देने पर नियुक्ति से इंकार के खिलाफ याचिका मंजूर, कोर्ट ने बीएसए को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश

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Notice issued to the selected candidates of PCS Special Recruitment 2018,
Notice issued to the selected candidates of PCS Special Recruitment 2018,

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट ने पहले ही निवास के आधार पर नौकरी देने से इंकार करने को असंवैधानिक करार दिया है तो कट आफ डेट के बाद निवास प्रमाणपत्र जमा करने के आधार पर नियुक्ति से इंकार नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी बुलंदशहर को दो माह में भर्ती में चयनित याची को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है और कहा है कि याची कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से वेतन पाने की हकदार है। कोर्ट ने इस मांग को मानने से इंकार कर दिया कि चयन के बाद नियुक्त न करने से वेतन दिया जाए। कोर्ट ने कहा काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत पर याची वास्तविक कार्यभार ग्रहण करने से वेतन पाने की हकदार हैं।

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यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने नीतू की याचिका पर दिया है। याची का सहायक अध्यापक भर्ती 2019 में चयन हुआ। नियम था कि अभ्यर्थी प्रदेश का मूल निवासी हो या पांच साल से लगातार प्रदेश में निवास कर रहा हो और चयन के बाद सत्यापन के समय निवास प्रमाणपत्र दिखाये।

याची हरियाणा की मूल निवासी हैं। उसकी शादी गाजियाबाद में 2012 में हुई है। याची चयनित हुई और उसे अमेठी जिला आवंटित किया गया। याची ने निवास प्रमाणपत्र कट आफ डेट 28 मई 2020 के बाद का दिया। जिससे नियुक्ति करने से इंकार कर दिया गया। जिसे चुनौती दी गई थी।

याची का कहना था कि जब कोर्ट ने सुमित व विपिन कुमार मौर्य केस में अपने फैसले में निवास के आधार पर किसी नागरिक को नौकरी देने से इंकार करने को असंवैधानिक करार दिया है तो उसे निवास के आधार पर नियुक्ति देने से इंकार करना भी असंवैधानिक है। कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर याचिका मंजूर कर ली और नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।

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