Nitesh Rane Case: कथित तौर पर हत्या के प्रयास के मामले में BJP विधायक नितेश राणे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र के कंकावली निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक Nitesh Rane की अग्रिम जमानत मामले पर Supreme Court से उन्हें राहत नहीं मिली है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से 10 दिन की सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा है कि वो अदालत के सामने आत्मसमर्पण करें और अपनी नियमित जमानत के लिए आवेदन दाखिल करें।

वहीं इस मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण मुकदमे में फंसाया जा रहा है। दरअसल नितेश राणे ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अपनी अग्रिम जमानत खारिज होने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे पर 18 दिसंबर 2021 को Kankavli में संतोष परब (Santosh Parab) की हत्या करवाने का प्रयास करने का आरोप लगा है।
Nitesh Rane की Bombay High Court ने खारिज की थी याचिका

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने नितेश राणे की अग्रिम जमानत वाली याचिका 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। वहीं एक अन्य सह-आरोपी मनीष दलवी को कोर्ट ने अग्रिम जमानत दी थी। इस मामले में पुलिस की ओर से पेश हुए Special Public Prosecutor Sudeep Pasbola का कहना था कि सचिन सातपुते, राणे का बहुत ही खास आदमी है और 28 अगस्त 2021 को नितेश राणे ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सतपुते से मुलाकात की और उसे परब की तस्वीर दिखाई जो राणे परिवार को बदनाम कर रहा था। जिसके बाद उन्हीं के कहने पर उसने परब को धमकी दी थी जिससे इलाके में उनके परिवार का खौफ बना रहे।

वहीं मामले को लेकर Nitesh Rane का कहना है कि उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा में राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे पर निशाना साधा था इसी के चलते उनके ऊपर मुकादमा दर्ज करवाया गया है। बता दें कि इससे पहले सिंधुदुर्ग जिले के सेशन कोर्ट ने भी उनकी अग्रिम जमानत वाली याचिका (Anticipetary Bail Petition) खारिज कर दी थी।
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