
Bihar Caste Census: बिहार में जातिगत जनगणना करने पर सहमति बन गई है। अब सीएम नीतीश की अगुवाई में जल्द राज्य में जाति आधारित जनगणना की जाएगी। सीएम की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य में जातीय जनगणना कराने के फैसले पर सहमति बन गई है। सीएम ने कहा कि बिहार में सभी धर्मों और उपजातियों की गणना कराई जाएगी, जिससें मुसलमानों के भीतर भी उपजाति निकल जाएगी। सीएम के इस फैसले से साफ है कि बिहार में हिंदुओं के साथ- साथ मुसलमानों की भी जााति आधारित जनगणना होगी।

अब तक देश में जितनी भी जनगणनाएं हुई हैं उन सभी में मुसलमानों की धर्म के आधार पर गणना की गई है। हालांकि 1931 में की गई जनगणना में मुसलमानों की धार्मिक और जातीय दोनों आधार पर गणना की गई थी, लेकिन 1941 में मुस्लिम लीग ने मुसलमानों से जाति की जगह इस्लाम धर्म लिखवाने को कहा। जिसके बाद मुसलमानों की जाति की गणना करने की न तो किसी ने कोशिश की न उनकी जाति की गिनती की गई। जनगणना के दौरान हमेशा अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना तो होती रही है, लेकिन इसमें मुसलमानों की दलित जाति शामिल नहीं है।
Bihar Caste Census: जातीय जनगणना से मुसलमानों की उपजाति भी सामने आएगी
सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में जातीय जनगणना कराने के पक्ष में हैं। बुधवार को सर्वदलीय बैठक में नीतीश कुमार के जातीय जनगणना कराने के विचार पर मुहर लग गई। इस पर सीएम ने कहा कि ये गणना सभी धर्मों के बीच की जाएगी, इसमें हिंदुओं के साथ मुसलमानों की भी जातियों की गिनती होगी। जिससे उनके बीच की भी जातियां निकल कर सामने आ जाएगी।

बता दें कि इससे पहले भाजपा भी जातीय जनगणना की मांग कर चुकी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हम जातीय जनगणना के विपक्ष में नहीं हैं, लेकिन मुसलमानों को जाति की श्रेणी में रख कर जातिगत गणना होनी चाहिए। मुस्लिम वर्ग में भी कई जातियां हैं और उन्हें भी जातीय रूप से श्रेणीबद्ध करके उनकी गिनती की जानी चाहिए।
Bihar Caste Census: मुसलमानों की उच्च जातियों को भी मिल रहा लाभ
हिंदु समुदाय की तरह ही मुसलमानों में भी जातियां बंटी हुई हैं, इनमें भी सवर्ण, पिछड़े और अति पिछड़ा वर्ग शामिल है। जातीय जनगणना से हिंदुओं के साथ- साथ मुसलमानों की भी जातियां सामने निकल कर आ जाएंगी। ऐसे में मुसलमानों के नाम पर मिलने वाले आरक्षण का सभी लाभ उठा रहे हैं। गणना होने से इस पर रोक लगाई जा सकती है और जरूरतमंदों को ही इसका लाभ दिया जाएगा।

Bihar Caste Census: पहले भी मुसलमानों की जातिगत जनगणना की उठती रही मांग
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज संगठन और तमाम मुस्लिम ओबीसी समुदाय के लोग जातिगत जनगणना में हिंदुओं की तरह मुसलमानों की भी जातीय जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। दिल्ली के गांधी पीस फाउंडेशन में पिछले साल ही 15 मुस्लिम ओबीसी जाति संगठनों ने मुसलमानों की जातीय जनगणना कराने की मांग उठाई थी। इस बैठक में शैक्षणिक, आर्थिक, सियासी और सामाजिक आधार पर गणना की मांग की गई थी।
इसी कड़ी में पिछले साल आरजेडी नेती तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन के 5 दलों के नेताओं ने मिलकर इस विषय में सीएम नीतीश कुमार से मिलकर जातीय जनगणना कराने की मांग की थी।
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