कांग्रेस पार्टी ने पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (EX Indian PM DR. Manmohan Singh), पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charanjeet Singh Channi) का नाम शामिल है।
इस सूची से पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी (Manish Tewari) और गुलाम नबी आजादा का नाम गायब है। सूची में अपना नाम न देख कर तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई बहुत शॉक नहीं लगा है। उन्होंने सूची से नाम गायब होने पर नाराजगी जाहिर की है। तिवारी ने कहा कि मैं हिंदू हूं इसलिए नाम हटा दिया।
Manish Tewari ने क्या कहा?

पंजाब के Sri Anandpur Sahib से कांग्रेस से सांसद Manish Tewari ने ट्वीट कर लिखा, मैं सरप्राइज होता अगर मेरा नाम होता, कारण तो सबको पता ही है।” मनीष तिवारी पंजाब के एकमात्र हिंदू सांसद हैं। बता दें कि मनीष तिवारी कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस के कामकाज नीति पर सवाल उठाया था।
मनीष तिवारी और आजाद जी -23 के प्रमुख सदस्यों में शामिल हैं। इस समूह ने अगस्त 2020 में कांग्रेस नेतृत्व को पत्र लिखकर पार्टी में कुछ मामूली बदलाव करने की मांग की थी। जी-23 के नेता पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। वहीं गुलाम नबी आजाद को हाल ही में सरकार ने पद्म भूषण सम्मान देने की घोषणा की है।
Manish Tewari की Congress से नाराजगी

कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ के अलावा प्रताप सिंह बाजवा, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल है। इनके अलावा हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा, पार्टी नेता राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन, डिसूजा, बीवी श्रीनिवास, इमरान प्रतापगढ़ी, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, अमृता धवन, रमिंदर आवला और तजेंदर सिंह बिट्टू का भी नाम 30 स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है।
बता दें कि पंजाब के 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को एक चरण में मतदान होने वाले है। यहां पर कांग्रेस की पहले से ही सरकार है। किसान आंदोलन के कारण पंजाब के लोग केंद्र की बीजेपी सरकार से नाराज हैं। इससे कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। पर कांग्रेस पार्टी के अपने नेता ही पार्टी का खेल खत्म कर सकते हैं। वहीं हाल ही में कांग्रेस पार्टी से अलग हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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