Manish Sisodia: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को नई शराब नीति को लेकर CBI जांच की बात कही है। मनीष सिसोदिया ने एलजी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नई शराब नीति को रद्द करने का फैसला उपराज्यपाल ने बिना कैबिनेट से बात किए बदल दिया। इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सिसोदिया ने बताया कि नई शराब नीति को पूर्व उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही लागू किया गया था। हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।
Manish Sisodia से पहले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने की CBI जांच की मांग
बता दें कि दिल्ली की आबकारी नीति AAP और भाजपा शासित केंद्र सरकार के बीच एक फ्लैशप्वाइंट बनकर उभरी है। सिसोदिया से पहले, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर शराब नीति की जांच की सिफारिश की थी जिसे पिछले साल आम आदमी पार्टी सरकार ने मंजूरी दी थी। इस विवाद के बीच नीति को तब रोक दिया गया था, लेकिन बाद में एक महीने के लिए अस्थायी विस्तार दिया गया था।

Manish Sisodia: नीति को मंजूरी देने से पहले LG ने ध्यान से पढ़ा
गौरतलब है कि नई नीति 2021 में लागू की गई थी। सिसोदिया ने कहा कि पहले, राष्ट्रीय राजधानी में 849 दुकानों को असमान रूप से वितरित किया गया था। नीति को मंजूरी देने से पहले, (पूर्व) एलजी ने नीति को ध्यान से पढ़ा, “उन्होंने बदलाव का सुझाव दिया। फिर हमने उसे जून में संशोधन के साथ भेजा। इसे उन्होंने दूसरी बार क्लियर किया था।”
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन जब अनधिकृत क्षेत्रों सहित दुकानें खोलनी पड़ीं, तो एलजी साहब ने अपना रुख बदल दिया। यही परेशानी की जड़ है। यह नवंबर में हुआ था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि डीडीए और एमसीडी को दुकानें खोलने की मंजूरी देनी होगी। लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके… और यह बात पता चल गई।”
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