पहले गई सांसदी अब जाएगा बंगला! महुआ मोइत्रा को केंद्र ने जारी किया आवास खाली करने का नोटिस…

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ चुका है। ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में सांसदी गंवाने वाली महुआ को अब अपने सरकारी आवास को जल्द से जल्द खाली करने का नोटिस मिला है। केंद्र द्वारा भेजे गए नोटिस में टीएमसी नेता को कहा गया है कि वह तुरंत उस बंगले को खाली करें, जिसे उन्हें लोकसभा सांसद रहते अलॉट किया गया था। बता दें कि महुआ फिलहाल इसी सरकारी बंगले में रह रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीएमसी नेता को संपदा निदेशालय की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि महुआ द्वारा बंगले को जल्द ही खाली नहीं किया गया तो उन्हें और वहां रह रहे अन्य लोगों को सराकारी आवास के परिसर से हटा दिया जाएगा नोटिस में जरूरत पड़ने पर बलप्रयोग की बात भी कही गई है। बता दें कि आमतौर पर यदि किसी नेता की सांसदी चली जाती है तो उन्हें अपने सरकारी आवास तुरंत खाली करना होता है।

एएनआई की एक खबर के मुताबिक संपदा निदेशालय के नोटिस में लिखा गया है, संपदा अधिकारी और संपदा निदेशक (लिटीगेशन), “आवेदक ने दिनांक 08.01.2024 के पत्र के माध्यम से सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के तहत आपके खिलाफ बेदखली की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया है।”

पहले भी मिले थे नोटिस

बता दें कि TMC नेता को पहले भी संपदा निदेशालय से बंगला खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महुआ को 7 जनवरी को पहली बार नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद उन्हें 8 और 12 जनवरी को भी बंगला खाली करने के संबंध में नोटिस थमाया गया था।

बता दें कि बंगला खाली करने के नोटिस के विरोध में महुआ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका देने पहुंची थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें संपदा निदेशालय से आग्रह करने को कहा कि वे कुछ और समय तक उन्हें उनके सरकारी बंगले पर रहने दें। हाई कोर्ट ने कहा था कि संपदा निदेशालय के अधिकारी असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्कों के भुगतान के आधार पर व्यक्ति को छह महीने तक रहने की इजाजत देते हैं।

मालूम हो कि बीते वर्ष संसदीय पैनल ने टीमसी नेता महुआ पर ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में दोषी पाया था उनकी सांसदी को रद्द कर दिया था।   दरअसल, महुआ पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के साथ अपना पार्लियमेंट्री लॉगिन-आईडी और पासवर्ड शेयर करने के आरोप में दोषी पाया गया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें सरकारी बंगले को खाली करने के लिए नोटिस भेजने शुरू कर दिए थे।    

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