Maharashtra New Liquor Policy: महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) की नई शराब नीति के तहत अब राज्य में सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में शराब बेची जा सकेगी। 27 जनवरी को महाराष्ट्र में राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस नई पॉलिसी को लेकर सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मंदिरों या फिर शैक्षिक संस्थानों के पास इसकी बिक्री की इजाजत नहीं होगी। नई शराब नीति पर समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। लोग शराब के आदी बन जाएंगे।
Maharashtra New Liquor Policy का Anna Hazare ने किया विरोध

लोकपाल बिल और काले कानून की वापसी की मांग करने वाले अन्ना हजारे ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की अनुमति देने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। नशामुक्ति की दिशा में काम करना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन मुझे यह देखकर दुख होता है कि यह वित्तीय लाभ के लिए निर्णय ले रही है, जिसके परिणामस्वरूप समाज में शराबियों की संख्या बढ़ेगी।
इसे लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि फल आधारित वाइनरी की बिक्री को बढ़ाने के लिए इसमें 10 साल तक के लिए जीएसटी से छूट दी गई। सरकार के इस नीति से किसानों का मुनाफा होगा और वाइनरी के ब्रांडो को भी बढ़ावा देने में मदद होगी।
Maharashtra New Liquor Policy पर नियम

इसके अलावा, जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा।” महाराष्ट्र की नई शराब नीति पर बीजेपी हमलवार है। बीजेपी कह रही है कि राज्य में शराब की दुकानों को बढ़ाया जा रहा है। इस पर शिव सेना नेता संजय राउत कहा कहना है कि बीजेपी वाले ही कहते है, शराब दवा है।
बता दें कि राज्य सरकार ने कहा है कि 1,000 वर्ग फुट और उससे अधिक के सुपरमार्केट और दुकानें लाइसेंस शुल्क का भुगतान करके शराब बेच सकती हैं, हालांकि शराब की बिक्री के लिए नियमों का पालन करना होगा।
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