महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और अन्य सहयोगी दलों की महायुति ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपने के बाद महायुति ने स्पष्ट कर दिया है कि वे स्थिर और मजबूत सरकार देने के लिए तैयार हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे से कैबिनेट में शामिल होने की अपील की है, जिससे राज्य की राजनीतिक तस्वीर और स्पष्ट हो गई है।
महायुति की सरकार बनाने की रणनीति
महायुति के नेता सरकार बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के गठबंधन ने बहुमत का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है। भाजपा का कहना है कि महायुति ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए एक स्थिर सरकार बनाने का वादा किया है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम महाराष्ट्र में विकास और स्थिरता लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। यह गठबंधन सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर काम करेगा।”
फडणवीस की अपील: शिंदे कैबिनेट में आएं
महायुति की सरकार बनाने की पहल के बीच, देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे से अपील की है कि वे नई सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। फडणवीस ने कहा कि शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार को स्थिरता प्रदान की है और उनकी भागीदारी आगे भी महत्वपूर्ण होगी।
शिंदे गुट ने अभी तक इस अपील पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि फडणवीस की यह पहल शिंदे गुट के नेताओं को सरकार में बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है।
महायुति का एजेंडा
महायुति सरकार का मुख्य एजेंडा राज्य में विकास कार्यों को गति देना और जनता की समस्याओं का समाधान करना है। कृषि सुधार, शहरी विकास, और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दे इस सरकार की प्राथमिकता में रहेंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। महाविकास अघाड़ी के नेताओं का कहना है कि भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) का गठबंधन केवल सत्ता के लिए है, न कि जनता के हितों के लिए। एनसीपी और कांग्रेस ने महायुति पर निशाना साधते हुए इसे “अवसरवादी राजनीति” करार दिया।