By: सर्वजीत सोनी | मुंबई | विशेष रिपोर्ट
इगतपुरी कॉल सेंटर केस की सच्चाई क्या है?
अगस्त 2025 में महाराष्ट्र के इगतपुरी इलाके में एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है।हाल के दिनों में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, विशेष रूप से IG रैंक के कुछ अफसर, इस गिरोह को “संरक्षण” दे रहे थे।लेकिन CBI की रिमांड रिपोर्ट और केस डायरी की जांच में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिससे यह साबित हो कि किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का नाम इस केस में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।
CBI रिमांड रिपोर्ट में क्या लिखा है?
CBI की 9 अगस्त 2025 की रिमांड रिपोर्ट के पेज नंबर 6 और 7 में गिरफ्तार आरोपी विशाल यादव (उर्फ विनय यादव) की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
यादव अन्य आरोपियों के संपर्क में था जो कॉल सेंटर को फाइनेंस और ऑपरेट करते थे। उसके घर से ₹1.2 करोड़ नकद, डिजिटल उपकरण और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए।
,वह QR कोड, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन और गिफ्ट वाउचर लेनदेन का संचालन करता था। रिपोर्ट में दर्ज है कि यादव “कुछ अज्ञात निजी व्यक्तियों और लोकसेवकों” के संपर्क में था, लेकिन किसी भी विशेष अधिकारी का नाम स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं है। यानी, CBI की आधिकारिक रिपोर्ट में न तो किसी IG, SP, DCP या अन्य वरिष्ठ IPS अधिकारी का नाम है, और न ही किसी के खिलाफ प्रत्यक्ष आरोप दर्ज हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स बनाम तथ्य
कुछ डिजिटल पोर्टल्स और सोशल मीडिया चैनलों ने हाल ही में दावा किया, “CBI की जांच में महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी फर्जी कॉल सेंटर रैकेट के संरक्षक पाए गए।” लेकिन CBI दस्तावेज़ों की पड़ताल में यह दावा स्रोत-आधारित और अपुष्ट पाया गया है। वास्तव में, CBI की मौजूदा जांच साइबर फ्रॉड नेटवर्क, वित्तीय ट्रेल और तकनीकी साक्ष्यों तक सीमित है। अब तक किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ नामज़द FIR या बयान आधारित कार्रवाई नहीं हुई है।
CBI सूत्रों का बयान
CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “जांच का फोकस फिलहाल कॉल सेंटर ऑपरेशन के तकनीकी और वित्तीय नेटवर्क पर है। किसी भी व्यक्ति का नाम तभी सार्वजनिक किया जाएगा जब ठोस साक्ष्य प्राप्त होंगे। इस समय कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जांच के दायरे में नामज़द नहीं है।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान
इगतपुरी कॉल सेंटर केस से जुड़े मीडिया सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा —
“अभी तक CBI की जांच में ऐसा कोई रिपोर्ट राज्य सरकार को नहीं आया है। अगर ऐसा कोई जांच रिपोर्ट राज्य सरकार के पास आएगा तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।”
— देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री महाराष्ट्र राज्य
इगतपुरी कॉल सेंटर रैकेट से जुड़ी जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए जा रहे आरोप अभी तक किसी आधिकारिक दस्तावेज़ या साक्ष्य पर आधारित नहीं हैं। CBI की रिपोर्ट केवल गिरफ्तार आरोपियों की भूमिका पर केंद्रित है, और उच्च अधिकारियों का नाम अब तक सामने नहीं आया है।
CBI की रिमांड रिपोर्ट में अब तक किसी भी IPS अधिकारी का नाम नहीं
वहीं पुलिस विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है, “यह मामला मूलतः कॉल सेंटर रैकेट और साइबर ठगी नेटवर्क तक सीमित है। लेकिन ठाणे ज़िले में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी इस जांच को अलग दिशा देने और कुछ नामों को संदर्भित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे विभागीय भ्रम की स्थिति बनी हुई है।”