बिहार राज्य और चूहों का चोली दामन का साथ रहा है। आपको याद होगा जब बिहार में अधिकारियों ने जब्त की गई हजारों लीटर शराब गायब हो जाने के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया था। अधिकारियों ने हास्यास्पद बयान देते हुए तब कहा था कि जब्त की गई शराब चूहे पी गए। लेकिन इस बार किसी अधिकारी ने नहीं बल्कि नीतीश सरकार के एक अहम मंत्री ने चूहों को लेकर हास्यास्पद बयान दिया है।

बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा है कि चूहों के कारण ही तटबंध कमजोर होकर टूट गए जिससे बाढ़ आ गई। एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने बताया कि तटबंध को कमजोर करने में सबसे बड़ी भूमिका चूहों की रही है। उन्होंने कहा कि तटबंध पर रहने वाले ग्रामीण वहीं मचान बनाकर अनाज रख देते हैं और फिर चूहे तटबंध में ही अपने रहने के लिए बिल (घर) बना लेते हैं, जिससे तटबंध कमजोर हो जाता है। उन्होंने कहा कि इससे एक-दो जगहों पर रिसाव आया, मगर 72 घंटे के अंदर सरकार ने उसे ठीक कर लिया।

आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने भी कहा कि ”अब चूहों और मच्छरों का आप क्या कर लीजिएगा? यह सब तो चलता ही रहेगा.” यादव ने आगे कहा, “एक दो जगहों पर तटबंधों पर रिसाव हुआ, जिसे विभाग ने तुरंत कार्यवाही कर बंद कर लिया। यह तो कोई नहीं कह सकता कि सभी चूहों को हम खत्म कर लेंगे।”

इन दोनों मंत्रियों के बयान पर राजद को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया। राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने चुटकी लेते हुए कहा, बिहार में अब चूहे सरकार से भी ज्यादा ताकतवर हो गए हैं। लेकिन अगर वे इतने ताकतवर हैं तो उन्हें ही गद्दी क्यों न सौंप दी जाए। फिलहाल बिहार सरकार अपनी नाक और कान बचाकर रखे, ये चूहे कहीं वो भी न काट लें।

अपने व्यंग्यात्मक अंदाज के लिए प्रसिद्ध राजद प्रमुख लालू यादव ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट कर नीतीश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर नीतीश कुमार से पूछा कि बिहार में दो पैर वाले चूहों की वजह से बाढ़ आई या चार पैर वाले चूहों की वजह से?

तेजस्वी यादव ने भी इसे लेकर चुटकी ली और ट्वीट किया

आपको बता दें कि बिहार में बाढ़ की चपेट में आने से इस वर्ष अब तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

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