Jitan Ram Manjhi: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को भगवान राम पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। मांझी ने कहा कि वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि में विश्वास करते हैं, लेकिन राम में विश्वास नहीं करते हैं। राम भगवान नहीं थे। वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के काव्य चरित्र थे।
बता दें कि मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (एचएएम) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटकों में से एक है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जमुई जिले के सिकंदरा ब्लॉक क्षेत्र में बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती और माता साबरी महोत्सव समारोह के दौरान यह टिप्पणी की।

Jitan Ram Manjhi बोले- आदिवासी और दलित ही भारत देश के मूल निवासी
गौरतलब है कि कार्यक्रम के दौरान मांझी ने लोकमान्य तिलक और पंडित जवाहर लाल नेहरू की चर्चा करते हुए कहा कि अतिपिछड़ा, आदिवासी और दलित ही भारत देश के मूल निवासी हैं। बड़े और उच्च जाति कहलाने वाले लोग बाहरी हैं, वह हमारे देश के मूल निवासी नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे हिंदुस्तान में दो ही जाति के लोग हैं, एक अमीर और दूसरा गरीब है। अमीर का बेटा प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करता है तो गरीब का बेटा सरकारी स्कूलों में।

शबरी महोत्सव के दौरान Manjhi ने दिया बयान
बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा द्वारा आयोजित अंबेदकर जयंती सह शबरी महोत्सव में शामिल होने शुक्रवार को लछुआड़ पहुंचे थे। वहां उन्होंने एक बार फिर से ब्राह्मणों के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि पहले बड़े लोग सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराते थे, लेकिन अब अनुसूचित जाति के लोग भी सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराने लगे हैं।
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