कौन थे जगन्नाथ महतो, जिन्होंने 53 साल की उम्र में फिर से शुरू की थी पढ़ाई?

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Jagarnath Mahto
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Jagarnath Mahto: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का गुरुवार को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया। 57 वर्षीय महतो को पिछले महीने नवंबर 2020 में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण चेन्नई ले जाया गया था। वे कोविड से भी पीड़ित हुए थे। एमजीएम हेल्थकेयर के डॉ अपार जिंदल ने बताया, “महतो ने आज अंतिम सांस ली।”

चार बार के विधायक थे Jagarnath Mahto

गिरिडीह जिले के डुमरी से चार बार के झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक का एक बेटा और चार बेटियां हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महतो के निधन पर शोक व्यक्त किया। जगन्नाथ महतो शुरू से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े रहे। राजनीतिक उठापटक के बावजूद भी उन्होंने पार्टी का दामन कभी नहीं छोड़ा। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत झारखंड आंदोलन से हुई। वह पहली जेएमएम के सिंबल से डुमरी(गिरिडीह) विधानसभा से 4 बार विधायक निर्वाचित हुए सबसे पहले 2005 में वही फिर 2009 में इसके अलावा 2014 एवं 2019 में भी लगातार चौथी बार गिरिडीह के डुमरी विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। वह दिसंबर 2019 से लेकर अब तक बतौर मंत्री रहे, हालांकि उन्होंने दो बार गिरिडीह सीट से सांसद का भी चुनाव लड़ा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे।

53 साल की उम्र में पढ़ाई

बता दें कि झारखंड के शिक्षा मंत्री के रूप में पद संभालते ही जगन्नाथ महतो की आलोचना होने लगी थी। लोगों ने कहा कि दसवीं पास को कैसे शिक्षा मंत्री बना दिया गया है। ऐसे में उन्होंने एक उदाहरण पेश करते हुए 53 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की।

उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, “हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे। आज झारखंड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, मेहनती और लोकप्रिय नेता खो दिया है।” सोरेन ने कहा, “भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को इस दुख की घड़ी को सहने की शक्ति दें।”

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