Bihar में सरकार की तरफ से लाख दावों के बाद भी शराबबंदी बेअसर दिख रहा है। जहरीली शराब के कारोबारियों पर अंकुश लगाने में सरकार विफल साबित हो रही है। एक तरफ जहां देश दीवाली का जश्न मना रहा है वहीं बिहार में जहरीली शराब का कहर देखने को मिल रहा है। राज्य के गोपालगंज और बेतिया में अबतक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रमुख विपक्षी दल राजद (RJD) ने सरकार पर हमला बोला है। राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा है कि ये है आपकी शराबबंदी का क्रूर सच मुख्यमंत्री जी….लेकिन आपको न चिंता करनी है और ना ही चिंतन…बस चुनाव ‘येन केन प्रकारेण’ जीत लिए जाएँ…..बाकी जनता भुगते…परिवार बर्बाद हो जाए…आपको क्या?
राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा है कि उपचुनाव में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की शह पर उनके मंत्रियों और पुलिस प्रशासन ने स्वयं मतदाताओं के बीच शराब वितरण किया।
किस बात की शराबबंदी? इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन है? बिहार में 20 हज़ार करोड़ की अवैध तस्करी और समांतर ब्लैक इकॉनमी के सरग़ना सामने आकर इसका जवाब दें। मुज़फ़्फ़रपुर में 5 दिन पूर्व ज़हरीली शराब से 10 मरे। कल और आज गोपालगंज में 20 लोग मरे। बेतिया में आज 13 लोग मरे। अधिकांश शवों को पुलिस बिना पोस्ट्मॉर्टम जला रही है। इन मौतों के ज़िम्मेवार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं है?
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