Patna News: शहर के हर पार्क में बनेगा ‘गौरेया कुटीर’, पक्षी संरक्षण के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग की अनोखी पहल

0
5

Patna News: शहर के सभी पार्कों में गौरेया संरक्षित क्षेत्र ‘गौरैया कुटीर’ का निर्माण किया जाएगा। इसका नाम गंगा कुटीर प्रस्तावित किया गया है। इसकी शुरुआत पटना के एसकेपुरी पार्क से होगी। इस कुटीर का निर्माण वन एवं पर्यावरण विभाग की तरफ से कराया जाएगा। गौरेया को संरक्षित करने के लिए यह व्यापक पहल विभाग के स्तर से शुरू की गई है।

विभाग के पटना प्रमंडलीय वन संरक्षक सत्यजीत कुमार ने शुक्रवार (21 मार्च 2025) को इस योजना की घोषणा करते हुए पूरी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि गौरेया संरक्षण पर वन विभाग जल्द ही एक्शन प्लान जारी कर रहा है, जिसे गौरैयाविद् संजय कुमार ने तैयार किया है। इस छोटी पक्षी के संरक्षण को लेकर और भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। सत्यजीत कुमार ने बताया कि हमारी गौरैया और पर्यावरण वॉरियर्स (संरक्षक) की टीम लगातार अपने प्रयासों से गौरैया की वापसी करने में लगी हुई है।

बांस, मिट्टी और पौधों से बनेगा प्राकृतिक आवास

शहर के हर पार्क में मिट्टी के छोटे-छोटे घर बनाए जाएंगे, जिसकी छावनी बांसों के घेराव से की जाएगी। इसे लगभग 100-150 वर्गफीट आकार का बांसों की चचरी से तैयार किया जाएगा। इन बांसों में 33 एमएम की गोलाई का छेद किया जाएगा, जिससे सिर्फ गौरेया ही प्रवेश कर सकती है। इस चचरी के अंदर गौरेया की पसंद वाले सभी पौधे लगाए जाएंगे। मसलन, बैगनविलिया, नींबू, मधुमालती, अमरूद जैसे छोटे कांटेदार पौधे भी लगाए जाएंगे, जिन्हें गौरैया अपने रहने के लिए इस्तेमाल करती है।

घोंसले, दाना-पानी से होगा आकर्षण

इन्हीं पौधों के बीच मिट्टी के घर बनाए जाएंगे, जिसमें गौरैया आराम से रह सकती है। इसके साथ ही गौरैया को आकर्षित करने के लिए घोंसले और दाना-पानी भी रखा जाएगा। गौरेयाविद् संजय ने कहा कि कभी घर-घर आकर चहचहाने वाली गौरेया आज विलुप्त हो गई है। इन्होंने कहा कि जिन कारणों से गौरेया विलुप्त हुई है, उसे कम करते हुए जीनवशैली में बदलाव की जरूरत है।