दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोग आंखों और गले में जलन की शिकायत कर रहे हैं। दरअसल राजधानी की हवा जहरीली हो गयी है। कल रातभर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन के बावजूद दीवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। जिसके बाद दिल्ली की वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गयी है।
सुबह दिल्ली के जनपथ में प्रदूषण मीटर (पीएम) 2.5 की कंसंट्रेशन 655.07 थी। वहीं, गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।
इस समय दिल्ली के आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी का पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई गुरुवार को 382 पर पहुंच गया, जो बुधवार को 314 था। मालूम हो कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
आने वाले दिनों में पराली का धुआं दिल्ली पहुंचेगा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का योगदान आने वाले दिनों में बढ़ेगा। उत्तर-पश्चिमी हवाएं पंजाब और हरियाणा में पराली के धुएं को दिल्ली की ओर ले जाएंगी। पिछले साल, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 5 नवंबर को 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। 2019 में, यह हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी।