Delhi Liquor Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी घोटाले पर अपनी प्राथमिकी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित 15 लोगों को आरोपी बनाया है। केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को सिसोदिया के आवास सहित 21 स्थानों की तलाशी ली।
छापेमारी के बाद विभाग के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऐसा करने के लिए केंद्रीय एजेंसी का “स्वागत” है। हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि जल्द ही सच्चाई सामने आ सके। अब तक मेरे खिलाफ कई मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन कुछ भी सामने नहीं आया है। उससे भी कुछ नहीं निकलेगा। सिसोदिया ने कहा कि देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरे काम को रोका नहीं जा सकता। “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में अच्छा काम करने वालों को इस तरह परेशान किया जाता है। इसलिए हमारा देश अभी नंबर 1 नहीं बना है।
Delhi Liquor Scam: बीजेपी ने कसा तंज
बीजेपी के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति मनमानी थी। इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। अगर नीति सही थी तो जांच के आदेश के बाद उसे बदला क्यो गया। अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को भी ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिया था। वह अभी भी जेल में हैं। सिसोदिया भी जेल जाएंगे।
वहीं आम आदमी पार्टी ने बगावत कर बीजेपी में जाने वाले कपिल मिश्र ने कहा कि सत्येंद्र जैन का करप्शन पकड़ा जा चुका है। सिसोदिया के घोटाले अब जनता के सामने आ रहे हैं। शराब के ठेकों के नाम पर करोड़ों रुपये की लूट का मामला सिर्फ शुरुआत है। केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है, दिल्ली को लूटने वालो को जेल जाना ही पड़ेगा।”
मुख्य सचिव के पत्र से लेकर आबकारी नीति को लेकर सीबीआई के छापे तक: ये रही टाइमलाइन
बता दें कि लगभग एक महीने पहले, नई आबकारी नीति में सीबीआई जांच की गेंद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा उछाला गया था, जब उन्होंने गृह मंत्रालय को नीति के कार्यान्वयन की जांच की सिफारिश करने के लिए लिखा था। 8 जुलाई को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने आरोप लगाया कि नीति के कार्यान्वयन में प्रक्रियात्मक खामियां थीं और लाइसेंसधारियों को निविदा के बाद अतिरिक्त लाभ दिए गए थे।
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