Chattisgarh News: छत्‍तीसगढ़ का पारंपरिक व्‍यंजन बोरे-बासी Social Media पर कर रहा ट्रेंड, श्रमिक दिवस के मौके पर प्रदेश की संस्‍कृति को दिया बढ़ावा

Chattisgarh News: बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को रातभर पानी में भिगोने के बाद बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर, भाजी, टमाटर की चटनी, अचार, कच्चे प्याज और बिजौरी के साथ खाया जाता है।

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Chattisgarh News: एक मई मजदूर दिवस के मौके पर खास परंपरागतय व्‍यंजन बोरे-बासी खाया गया। छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से छत्तीसगढ़ के लोगों से बोरे-बासी खाकर अपनी छत्तीसगढ़िया संस्कृति और श्रमिकों को सम्मान देने की अपील की गई। इस मौके पर देश-विदेश में बसे छत्तीसगढ़वासियों द्वारा बड़ी संख्‍या में बोरे-बासी खाकर अपनी फोटो और वीडियो रोचक कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर हैश टैग #borebaasi के साथ शेयर की जा रही हैं।

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Chattisgarh News: पोषक तत्‍वों से भरपूर पारंपरिक भोजन है बोरे-बासी

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दअसल बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का पारंपरिक भोजन है, जोकि पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इस व्यंजन का छत्तीसगढ़ में किसान, मजदूर, अमीर-गरीब सहित सभी लोग, हमेशा से सभी बड़े चाव से सेवन करते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर कोने-कोने में बसे छत्तीसगढ़ वासियों ने बोरे-बासी खाकर अपनी गौरवशाली परंपरा के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया है।

बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को रातभर पानी में भिगोने के बाद बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर, भाजी, टमाटर की चटनी, अचार, कच्चे प्याज और बिजौरी के साथ खाया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग प्रायः सुबह बासी का ही नाश्ता करते हैं। बोरे बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है, बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है।

Chattisgarh News: मुख्यमंत्री की पहल हुई ग्लोबल हुआ # बोरे-बासी

श्रम वीरों को # बोरे-बासी खाकर सम्मान देने की पहल ने ग्लोबल रूप ले लिया है।प्रदेश ही नहीं देश नहीं बल्कि विदेशों में बसे छत्तीसगढ़ के लोगों ने आज बोरे -बासी खाकर अपनी महान संस्कृति का जश्न मनाया। अमरीका के न्यूयार्क से विभा श्री साहू ,एलिकॉट सिटी मेरीलैंड से सुमन साहू लंदन से सौम्या अग्रवाल, दोहा-कतर से कामता प्रसाद शर्मा, लक्समबर्ग यूरोप से डॉ राजीव आनंद साहू इस मुहिम में शामिल हुए।

Chattisgarh News: अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के मौके पर सबसे परिवारजनों के साथ बैठ कर खाया बोरे बासी

छत्तीसगढ़ की जीवनशैली का अहम हिस्सा है ‘बोरे-बासी’ सेहत के लिए कई गुणों से परिपूर्ण है।कवर्धा के
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने मजदूर दिवस की बधाई देते हुए इसे अलग ही अंदाज में मनाया। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों के सम्मान स्वरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अह्वान पर जिले के जनप्रतिनिधि, सभी अधिकारी, श्रमिक किसान, गणमान्य नागरिक, और जनसमान्य सभी ने छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय आहार बोरे-बासी का आंनद लिया। खासकर छत्तीसगढ़ की कबीरधाम जिले के आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति बाहुल्य बोड़ला और पंडरिया विकास खण्ड के सूदूर वनांचलों में रहने वाले वनवासियों को मुख्यमंत्री के इस पहल ने इस बार अपनापन का अहसास भी करा दिया।

Chattisgarh News: कलेक्‍टर से लेकर किसानों ने उठाया बोरे-बासी का लुत्‍फ
जिले के कोटवार से लेकर कलेक्टर और दिहाड़ी मजदूर से लेकर भूमिहार किसानों ने भी अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर छत्तीसगढ़ की प्रसद्धि व्यंजन में शामिल बोरे बासी का आनंद लिया।कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उम्मेद सिंह, वनमंडल अधिकारी चूरामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल और कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने अपने परिवार जनों के साथ बोरे बासी, प्याज,चेज भासी, आमारी बाजी, जड़ी सब्जी और बड़ी-बिजौड़ी के साथ इस प्रसिद्ध आहार बासी का आनंद लिया।

कलेक्टर रमेश शर्मा ने जिले वासियों को मजदूर दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन श्रमिक भाईयों और मजदूरों के लिए है। जिले में जिस-जिस स्थान पर मनरेगा के तहत कार्य चल रहे हैं, वहां सभी स्थानों पर एक ही समय पर श्रमिक भाइयों को खाना-खाने के लिए समय निर्धारित किया था।

सभी ने अपने-अपने टिफिन से बोरे बासी का एक साथ आंनद लिया। बोरे बासी सेहद के लिए लाभदायक है। इससे हमारे शरीर को ठंडक मिलती है। उर्जा का प्रमुख स्त्रोत भी है। लू और गर्मियों से बचाने में बोरे बासी सभी गुण भी हैं।
जिले के कवर्धा, बोड़ला, पंडरिया, और सहसपुर लोहारा जनपद पंचायत सीईओ और उनके अमलों ने एक साथ बासी-चटनी खाकर इस दिवस को समर्मित किया।

इसके साथ ही पंडरिया एसडीएम श्री डीएल डाहिरें, बोड़ला एसडीएम श्री पीसी कोरे, कवर्धा एसडीएम श्री विनय सोनी जिले के सभी अधिकारी एसएस कुर्रे, भूपेन्द्र ठाकुर, सतीश पटले, विनोद कोचे, पन्ना लाल धुर्वे, गुलाब डड़सेना, आरती पांडेय, हरीश सक्सेना आदि ने श्रमिकों के सम्मान में अपने -अपने परिवारजनों के साथ बोरे बासी का आनंद लिया।

Chattisgarh News: जानिये अनगिनत लाभ मिलते हैं बोरे-बासी खाने के

बोरे-बासी के सेवन से कई लाभ हैं। इसमें पानी की भरपूर मात्रा होती है, जिसके कारण गर्मी के दिनों में शरीर को शीतलता मिलती है। पानी की ज्यादा मात्रा होने के कारण मूत्र संबंधी दिक्‍कतें समाप्‍त होती हैं। इससे उच्च रक्तचाप नियंत्रण करने में मदद मिलती है। बासी पाचन क्रिया को सुधारने के साथ पाचन को नियंत्रित भी रखता है। गैस या कब्ज की समस्या वाले लोगों के लिए यह रामबाण खाद्य पदार्थ है।

बासी एक प्रकार से डाइयूरेटिक का काम करता है, अर्थ यह है कि बासी में पानी की भरपूर मात्रा होने के कारण पेशाब ज्यादा लगती है, यही कारण है कि नियमित रूप से बासी का सेवन किया जाए तो मूत्र संस्थान में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।
पथरी की समस्या होने से भी बचा जा सकता है। चेहरे में ताजगी, शरीर में स्फूर्ति रहती है। बासी के साथ माड़ और पानी से मांसपेशियों को पोषण भी मिलता है। बासी खाने से मोटापा भी दूर भागता है। बासी का सेवन अनिद्रा की बीमारी से भी बचाता है। ऐसा माना जाता है कि बासी खाने से होंठ नहीं फटते हैं। मुंह में छाले की समस्या नहीं होती है।

बासी में मुख्य रूप से संपूर्ण पोषक तत्वों का समावेश मिलता है। बासी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन्स, मुख्य रूप से विटामिन बी-12, खनिज लवण और जल की बहुतायत होती है। ताजे बने चावल (भात) की अपेक्षा इसमें करीब 60 फीसदी कैलोरी ज्यादा होती है। बासी को संतुलित आहार कहा जा सकता है। दूसरी ओर बासी के साथ हमेशा भाजी खाया जाता है। पोषक मूल्यों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहते हैं। इसके अलावा बासी के साथ दही का सेवन किया जाता है। दही या मही में भारी मात्रा में कैल्शियम मौजूद रहते हैं।

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