Bundelkhand: बुंदेलखंड के महोबा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां सरकारी तंत्र की खामियों की वजह से 6 जिंदा बुजुर्गो को कागजों पर मृत दिखा दिया गया है। जिससे उन्हें पिछले डेढ़ साल से वृद्धा पेंशन नहीं मिला पा रही। जिसके चलते पीड़ित बुजुर्ग गले में “साहब मैं जिंदा हूं”लिखी तख्ती डालकर डीएम की चौखट पर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
Bundelkhand: बुजुर्गों ने डीएम से लगाई मदद की गुहार
आरोप है कि पूर्व सचिव ने रिश्वत ना देने पर सरकारी कागजों में 6 बुजुर्गों को मृत दर्शा दिया। जिससे उन्हें मिलने वाली वृद्धा पेंशन रुक गई। जिसके बाद उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, सभी परेशान वृद्धजनों ने डीएम से मामले की शिकायत की है। ये सभी बुजुर्ग जिले के पचपहरा गांव के रहने वाले हैं। मृत दर्शाए गए बुजुर्गों के नाम वृद्ध सरमन, गिरजारानी, कलिया, सुरजी, नंदकिशोर और राकेशरानी हैं।
जिलाधिकारी के पास पहुंचे इन बुजुर्गों ने लिखित प्रार्थना पत्र के साथ-साथ एक हलफनामा भी जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके जिंदा होने के बावजूद भी पूर्व ग्राम विकास अधिकारी ने पेंशन सत्यापन के नाम पर ₹500 की रिश्वत न देने पर उन्हें कागजों में मरा हुआ दिखा दिया गया। हलफनामे में सभी वृद्धों ने जिला अधिकारी से गुहार लगाते हुए यह भी बताया की पूर्व सचिव ने जानबूझकर ऐसा कृत्य किया है जिसका प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा है।
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