मुंबई के शक्ति मिल गैंगरेप (Shakti Mills Gang Rape) मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अंतिम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पांच आरोपियों में से तीन की फांसी की सजा को रद्द कर दिया है। फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। 8 साल पुराने मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने ये फैसला फांसी की सजा की मंजूरी के लिए महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है। आज के 8 साल पहले यानी कि 22 अगस्त 2013 में पांच लोगों ने मिलकर एक फोटो जर्नलिस्ट का गैंगरेप किया था।
एक माह के भीतर शक्ति मिल में 2 लड़कियों का रेप
गैंगरेप मामले पर सुनवाई करते हुए साल 2014 में मुंबई की सेशन कोर्ट ने तीन को फांसी की सजा, एक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस केस में एक नाबालिग भी शामिल था जिसे तीन साल की सजा सुनाई गई थी, आरोपी को तीन साल के लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने जुलाई 2014 में नासिक बोर्स्टल स्कूल भेज दिया था।
तीनों आरोपियों का नाम विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख और मेहम्मद अंसारी है। गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चौहान ने राज्य सरकार की याचिका पर अपना अंतिम फैसला सुनाया। आरोपियों को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।
बता दें कि एक महीने के भीतर शक्ति मिल में आरोपियों ने दो लड़कियों का रेप किया था। इसमें 31 जुलाई 2013 में 18 साल की टेलीफोन ऑपरेटर का रेप हुआ था। वहीं 22 अगस्त 2013 को फोटो जर्नलिस्ट का रेप किया था। कोर्ट ने दोनों ही केस को लेकर आरोप तय किया था।
फोटो जर्नलिस्ट के साथ क्या हुआ था?
मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में स्थित शक्ति मिल में 22 साल की अंग्रेजी मैगजीन के साथ इंटर्नशिप करने वाली लड़की अपने सहकर्मी के साथ मिल के भीतर प्रवेश करती है। तारीख थी 22 अगस्त 2013, जैसे ही वह मिल में जाती है उसे वहां कुछ लोग मिलते हैं। वे लोग खुद को पुलिस वाला बताते हैं और मिल का फोटो लेने से मना करते हैं। फोटो जर्नलिस्ट और उसके सहकर्मी के साथ आरोपी भीतर की तरफ जाते हैं। जब वे मिल के काफी अंदर तक पहुंच जाते हैं तो वहां पर उन्हें कुछ और लोग भी मिलते हैं। उसके बाद जो हुआ उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस पूरी घटना को पीड़िता के सहकर्मी ने मीडिया को बताया था।
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