Bihar: पैक्सों के कंप्यूटरीकरण में बिहार अव्वल, मुहिम का पहला चरण जारी, डिजिटल व्यवस्था से बढ़ी पारदर्शिता

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Bihar News: बिहार पैक्सों (प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों/PACS) के कंप्यूटरीकरण में देशभर में अव्वल स्थान पर पहुंच गया है। राज्य में पैक्सों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की मुहिम के तहत पहले चरण में अब तक 4,477 पैक्सों में यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। इनमें से 292 पैक्सों को ई-पैक्स घोषित कर दिया गया है, जबकि 2548 पैक्सों का सिस्टम ऑडिट भी पूरा हो चुका है।

कंप्यूटरकरण से पैक्सों में पारदर्शिता और सुविधा में बढ़ोतरी

पैक्सों के डिजिटलीकरण से उनकी कार्यप्रणाली सुगम और पारदर्शी बन गई है। सभी वित्तीय लेन-देन और रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संग्रहित किया जा रहा है, जिससे अनियमितता और धोखाधड़ी पर रोक लगाना संभव हुआ है। इसके अलावा, पैक्सों के डाटा प्रबंधन में भी सुधार हुआ है, जिससे किसानों के ऋण और अन्य वित्तीय गतिविधियों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना आसान हो गया है।

सहकारी समितियों और किसानों को सीधा लाभ

डिजिटल प्रणाली से पैक्स अन्य सहकारी समितियों और सहकारी विभागों से आसानी से जुड़ गए हैं, जिससे वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिला है। अब किसानों के बैंक खातों में सीधी राशि पहुंच रही है, जिससे भुगतान प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो गई है।

दूसरे चरण की जल्द होगी शुरुआत

पहले चरण की सफलता के बाद अब जल्द ही दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें शेष सभी पैक्सों को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। यह पहल राज्य के किसानों और सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

मालूम हो की सहकारिता मंत्रालय ने बिहार सरकार को पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए बजट में वित्तीय प्रावधान करने को कहा था। कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु जिला स्तरीय निगरानी और क्रियान्वयन समिति के गठन की सिफारिश भी की गई थी। इस प्रक्रिया के तहत पैक्स के प्रस्ताव तैयार करने और आवश्यक सॉफ्टवेयर विकसित करने का कार्य पहले ही शुरू हो चुका था।